पीओके में चुनाव पर भारत की टिप्पणी से गुस्साए पाक ने भारतीय राजनयिक को किया तलब, जानिये आगे क्या हुआ ?
पीओके में 25 जुलाई को चुनाव कराए गए थे, जिसमें पाक प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने जीत दर्ज की। भारत ने इन चुनावों के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया दी है, जिस पर पाक की इमरान सरकार बौखला गई है।;
पाकिस्तान सरकार की ओर से पाक अधिकृत कश्मीर में चुनाव कराने पर भारत की ओर से की गई टिप्पणी से इमरान सरकार बौखला गई है। इमरान सरकार ने भारतीय राजनयिक को तलब कर पीओके में चुनाव के संदर्भ में की गई भारत की टिप्पणियों को खारिज किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, 'भारत के प्रभारी राजदूत को विदेश मंत्रालय में तलब कर भारत के विरोध को खारिज किया गया और जम्मू-कश्मीर विवाद पर पाकिस्तान के स्पष्ट एवं सतत रूख के बारे में बताया गया।'
बता दें कि पीओके में 25 जुलाई को चुनाव कराए गए थे, जिसमें पाक प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने जीत दर्ज की। इन चुनावों पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। भारत का कहना है कि पाकिस्तान की ओर से पीओके में तथाकथित चुनाव कराना भौतिक परिवर्तनों को छिपाने की कोशिशों से ज्यादा कुछ नहीं है। भारत लगातार हालात पर निगरानी रख रहा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को कहा था कि पाकिस्तान की ओर से पीओके में तथाकथित चुनाव कराना क्षेत्र में लोगों को स्वतंत्रता से वंचित नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा कि इन भारतीय क्षेत्रों पर पाकिस्तान का कोई अधिकार नहीं है। वहीं, अफगानिस्तान में तालिबान के बढ़ते हमलों पर बागची ने कहा कि भारत सरकार पूरी तरह सतर्क है और लगातार वहां की स्थिति पर नजर बनाए है।
भारत की ओर से कहा गया है कि पाकिस्तान ने गैरकानूनी तरीके से चुनाव कराए हैं, जिसे वहां की जनता ने ही नकार दिया है। पाकिस्तान को कहा गया है कि भारत के इलाकों को तुरंत खाली कर दे और वहां पर जारी मानव अधिकारों के हनन को रोका जाए।