FATF की ग्रे लिस्ट में बना रहेगा पाकिस्तान, जानें कौन कौन से लगते हैं प्रतिबंध

पेरिस में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की समीक्षा बैठक में पाकिस्तान को लेकर एक बड़ी कार्रवाई की गई।;

Update: 2020-02-18 13:37 GMT

पेरिस में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की समीक्षा बैठक में पाकिस्तान को लेकर एक बड़ी कार्रवाई की गई। एफएटीएफ ने पाकिस्तान को आतंकी निगरानी की ग्रे लिस्ट में डला रहने का फरमान सुनाया है। ग्रे लिस्ट में पाकिस्तान शामिल रहेगा। बर्क और मलेशिया ने इस फैसले का खुलकर समर्थन किया है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एफएटीएफ की बैठक में पाकिस्तान को 'ग्रे लिस्ट' में बनाए रखना है या इसे ब्लैकलिस्ट के तहत रखना है। इमरान खान सरकार की आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों को कम करने के प्रयासों का आकलन करने के बाद इस लिस्ट में बन रहने पर फैसला लिया गया है।

इससे पहले पाक प्रतिनिधिमंडल ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग को लेकर 27 बिंदु कार्य योजना में से कम से कम 14 बिंदुओं की अनुपालन रिपोर्ट एफएटीएफ के सामने पेश की थी।

देना होगा जुर्माना

अगर पाकिस्तान आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने की अपनी रिपोर्ट के साथ कुछ पश्चिमी देशों को मना लेता तो एफएटीएफ ग्रे लिस्ट से बाहर हो सकता था। पाकिस्तान को जून 2018 में एफएटीएफ द्वारा ग्रे सूची में रखा गया था और अक्टूबर 2019 तक इसे पूरा करने या ईरान और उत्तर कोरिया के साथ ब्लैकलिस्ट पर रखे जाने के जोखिम उठाना पड़ रहा है। इसके लिए पाकिस्तान को जुर्माना भी देना होगा। ब्लैक लिस्ट किए जाने के बाद अंतर्राष्ट्रीय बैंक पाकिस्तान से बाहर कर देंगे और इससे देश का राजस्व घाटा बढ़ जाएगा। पाकिस्तान में महंगाई सातवें आसमान पर है।

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