Saradha Chit Fund Case: कोलकाता में बीसीआई ऑफिस में पेश हुए राजीव कुमार, जानें किस मामले में हैं फंसे

2500 करोड़ रुपये के शारदा चिटफंड घोटाला मामले में पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार कोलकाता में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के दफ्तर पहुंचे हैं। इससे पहले भी उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जा चुका है। लेकिन वो नहीं पहुंचे थे।;

Update: 2019-06-07 06:27 GMT

कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार कई करोड़ के शारदा घोटाला मामले के संबंध में शुक्रवार को सीबीआई के समक्ष पेश हुए। एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि वर्तमान में सीआईडी के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कुमार इस मामले में दूसरी बार पूछताछ के लिए आज सुबह सीबीआई के दफ्तर पहुंचे।

फरवरी में कुमार से शिलांग में सीबीआई के अधिकारियों ने उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के तहत पूछताछ की थी। शीर्ष अदालत ने उन्हें जांच एजेंसी के साथ सहयोग करने को कहा था। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी इस मामले में पश्चिम बंगाल पुलिस की विशेष जांच दल (एसआईटी) की अध्यक्षता कर रहे थे।

बाद में मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के पास चली गई थी। प्रमुख जांच एजेंसी ने पिछले महीने कुमार के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था और सभी हवाईअड्डों एवं आव्रजन अधिकारियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया था ताकि वे देश छोड़ कर नहीं जा सकें।

अप्रैल में सीबीआई ने उच्चतम न्यायालय को बताया था कि कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ इसलिए जरूरी है क्योंकि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे और पूछताछ के दौरान पूछे गए सवालों का जवाब देने से बच रहे थे तथा अड़ियल रवैया अपना रहे थे। 

सीबीआई की एक टीम कोलकाता स्थित राजीव कुमार को आवास पर रविवार को अचानक पहुंची। जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया। वहीं राज्य की सीएम अपने इस अधिकारी के लिए मोदी सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गई।

इतना ही नहीं कुमार के खिलाफ सीबीआई ने लुकआउट नोटिस भी जारी किया हुआ है। ऐसे में वो देश से बाहर भी नहीं जा सकते हैं। सभी एयरपोर्ट्स को अलर्ट किया गया है।

जानें क्या है मामला

जानकारी के लिए बता दें कि करीब 2500 करोड़ रुपए के शारदा चिट फंड घोटाला मामले के लिए 2013 में राज्य में एक एसआईटी टीम का गठन किया गया और उसकी जिम्मेदारी राजीव कुमार को दी गई। कुमार पर आरोप है कि उन्होंने जांच के दौरान सबूतों से छेड़छाड़ की है। लेकिन राजीव कुमार इन बातों को पहले ही नकार चुके हैं। कुमार 1989 बैच के अधिकारी हैं। लेकिन 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप किया और केस सीबीआई को सौंपा गया। शारदा समूह की कंपनियों ने पैसा लगाने के नाम पर लोगों को करोड़ों रुपये की ठगी की थी। अभी तक सभी आरोपी जमानत पर हैं। इसमें ज्यादातर टीएमसी के नेता हैं।

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