Sri Lanka crisis: श्रीलंका में प्रदर्शनकारियों पर सख्त कार्रवाई शुरू, आमने-सामने की झड़प में 50 से ज्यादा प्रदर्शनकारी घायल, अमेरिका ने दिया यह बयान

श्रीलंका के नए राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के ख़िलाफ़ प्रदर्शन तेज हो गया। ऐसे में सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों पर सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। अमेरिका ने इस पूरे हालात पर चिंता जताई है। पढ़िये रिपोर्ट...;

Update: 2022-07-22 04:22 GMT

कोलंबो (Colombo) में श्रीलंकाई राष्ट्रपति सचिवालय (Sri Lanka President Secretariat) के परिसर के बाहर सशस्त्र सुरक्षा कर्मियों द्वारा प्रदर्शनकारियों के टेंट को हटाया गया। प्रदर्शनकारियों ने विरोध किया और इसके बाद हिंसक हो गए। आमने-सामने की झड़प में 50 से अधिक प्रदर्शनकारी (Demonstrators) घायल हो गए हैं। अभी तक नौ प्रदर्शनकारियों को अरेस्ट किया जा चुका है। इस हालात पर अमेरिका ने गहरी चिंता जताई (America Expresses Deep Concern) है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक श्रीलंका के नए राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के ख़िलाफ़ प्रदर्शन तेज होने के साथ ही गाले फेस पर प्रदर्शनकारी जमा हुए थे। श्रीलंकाई सुरक्षा बलों ने शुक्रवार तड़के कोलंबो में सरकार विरोधी विरोध शिविर पर छापा मारा। पुलिस ने शुक्रवार को नौ लोगों को भी गिरफ्तार किया। खबरों के मुताबिक इस कार्रवाई में कुछ पत्रकारों समेत कम से कम 50 प्रदर्शनकारी घायल हो गए। श्रीलंकाई राष्ट्रपति सचिवालय के परिसर के बाहर सशस्त्र सुरक्षाकर्मियों द्वारा प्रदर्शनकारियों के टेंट को तोड़ा जा रहा है।

सशस्त्र बलों की कार्रवाई के बीच एक प्रदर्शनकारी ने कहा, 'रानिल विक्रमसिंघे हमें नष्ट करना चाहते हैं, वे फिर से ऐसा कर रहे हैं, लेकिन हम कभी हार नहीं मानेंगे। हम अपने देश को ऐसी घटिया राजनीति से मुक्त बनाना चाहते हैं।' इस पूरे मामले पर अमेरिका ने चिंता व्यक्त की है।

कोलंबो में अमेरिकी राजदूत जूली चुन ने शुक्रवार को मध्य रात्रि में गाले फेस में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ श्रीलंकाई अधिकारियों द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने ट्वीट किया, 'आधी रात में गाले फेस में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई को लेकर बेहद चिंतित हूं। हम अधिकारियों से संयम बरतने और घायलों को तत्काल चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने का आग्रह करते हैं

ये है मामला

श्रीलंका में गंभीर आर्थिक उथल-पुथल के बीच पिछले हफ्ते राष्ट्रपति पद से गोटबाया राजपक्षे ने इस्तीफा दिया, जिसके बाद बुधवार को वोटिंग के बाद विक्रमसिंघे को नया राष्ट्रपति बनाया गया। उन्हें 134 वोट मिले। विक्रमसिंघे ने गुरुवार को संसद में प्रधान न्यायाधीश जयंत जयसूर्या के समक्ष श्रीलंका के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। इसके बावजूद प्रदर्शन चल रहा है, जिसके चलते सुरक्षाबल सरकार विरोधी प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रहे हैं। 

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