Turkey Earthquake: तुर्की में आए भूकंप पर भारत के विदेश मंत्रालय का अपडेट, लापता और फंसे हुए भारतीयों की दी जानकारी
भारतीय विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि इस भूकंप में 10 भारतीय दूर-दराज के क्षेत्र में फंसे हुए हैं, वहीं एक भारतीय के लापता होने की सूचना है। लापता व्यक्ति कारोबार के संबंध में तुर्की में गया था।;
तुर्की (Turkey) में आए भूकंप के बाद लोगों पर लगातार संकट बना हुआ है। जिदंगी बचाने की जद्दोजहद जारी है। इसी बीच भारतीय विदेश मंत्रालय (Indian Ministry of External Affairs) ने जानकारी दी है कि इस भूकंप में 10 भारतीय दूर-दराज के क्षेत्र में फंसे हुए हैं, वहीं एक भारतीय के लापता होने की सूचना है। लापता व्यक्ति कारोबार के संबंध में तुर्की में गया था।
तुर्की और सीरिया (Turkey Syria) में सोमवार को 7.8 और 7.9 की तीव्रता के साथ आए भूकंप ने लोगों की जिदंगी को तबाह करके रख दिया। इस भूकंप में अबतक मरने वालों की संख्या 12,000 से ऊपर जा चुकी है। इसी के साथ भारतीय विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि तुर्की में तकरीबन 3000 भारतीय मौजूद हैं। जिसमें से 10 भारतीय दूर-दराज के क्षेत्र में फंस हुए हैं। वहीं एक भारतीय लापता है। विदेश मंत्रालय (Foreign Ministry) के सचिव संजय वर्मा ने बताया कि तुर्की के अदन में एक कंट्रोल रूम बनाया गया है। जिससे तीन भारतीय लोगों ने संपर्क किया और उन्हे सुरक्षित जगह पर ले जाया गया है। एक भारतीय जो लापता है, वह कारोबार के सिलसिले में तुर्की की यात्रा पर गया था। विदेश मंत्रालय (Foreign Ministry) लगातार उसके घर और बेंगलुरू स्थित उसकी कंपनी से संम्पर्क बनाए हुए हैं।
भारत तुर्की के लिए भेज रहा मदद
विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jai Shankar) ने ट्वीट कर बताया कि तुर्की व सीरिया को ऑपरेशन दोस्त के तहत अनेक प्रकार की राहत सामग्री मुहैया कराई जा रही है। इसमें भारत की तरफ से चिकित्सा उपकरण, राहत एवं बचाव दल की टीम, एक फील्ड अस्पताल और अनेक प्रकार की दवाईयां भेजी जा रही हैं। अधिकारियों ने बताया कि तुर्की के लिए और सहायता भेजी जा रही है।
पीएम मोदी ने दिया था हरसंभव मदद का आश्वासन
पीएम मोदी (Pm Modi) ने तुर्की व सीरिया में आए भूकंप के लिए हर संभव मदद देने के निर्देश के बाद भारत ने वहां पर राहत सामग्री, बचाव दल और चिकित्सा उपकरण को तत्काल वहां भेजने का फैसला किया था। तुर्की की मदद के लिए अमेरिका और ब्रिटेन सहित दूसरे देशों ने लोगों के जीवन को बचाने के लिए बचाव दल भेजे हैं।