UNGA: तुर्की के राष्ट्रपति ने फिर उठाया संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर का मुद्दा, भारत ने दिया करारा जवाब

कश्मीर मुद्दे को तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन (Turkish President Recep Tayyip Erdogan on the Kashmir issue) ने संयुक्त राष्ट्र की बैठक में उठाया।;

Update: 2021-09-22 14:07 GMT

कश्मीर मुद्दे (Jammu Kashmir Issue) पर पाकिस्तान के साथ तुर्की की दोस्ती एक बार फिर सामने आई और उसी पर भारी पड़ गई। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र में कश्मीर का मुद्दा उठाया गया। कश्मीर मुद्दे को तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन (Turkish President Recep Tayyip Erdogan on the Kashmir issue) ने संयुक्त राष्ट्र की बैठक में उठाया। जिसको लेकर भारत सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई। जिसके कुछ ही देर बाद भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जवाबी हमला किया

तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि हम पार्टियों के बीच बातचीत और संयुक्त राष्ट्र के प्रासंगिक प्रस्तावों के ढांचे के भीतर कश्मीर में 74 साल पुरानी समस्या को हल करने के लिए खड़े हैं। लेकिन पिछले साल उन्होंने कश्मीर की स्थिति को ज्वलंत मुद्दा बताया और कश्मीर के लिए विशेष दर्जे के खत्म करने पर आलोचना की। इससे पलहले एर्दोगन ने 2019 में कहा था कि स्वीकृत प्रस्तावों के बावजूद कश्मीर अभी भी घेराबंदी में है और कश्मीर में 80 लाख लोग फंसे हुए हैं।

एस. जयशंकर ने कहा कि हम आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाने पर काम कर रहे हैं। मैंने उनकी क्षेत्रीय अंतर्दृष्टि की सराहना की। सभी को साइप्रस के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्ताव का पालन करना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र महासभा के मौजूदा सत्र में कई बैठकें हो चुकी हैं। अफगानिस्तान के मुद्दे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर जी20 देशों के विदेश मंत्रियों से मुलाकात करेंगे। आज वह पी4 ग्रुप की बैठक में शामिल होंगे।

कश्मीर द्विपक्षीय मुद्दा

भारत का कहना है कि 1972 के शिमला समझौते के तहत, कश्मीर प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा है, और इसका अंतर्राष्ट्रीयकरण नहीं किया जाना चाहिए।

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