गलती से भी न शेयर करें रेप या छेड़खानी का वीडियो, 5 साल के लिए होगी जेल
कभी न कभी आपको वाट्सऐप, फेसबुक पर वायरल वीडियों मिले ही होंगे, कुछ बहुत अच्छे वीडियो होते हैं तो कुछ बेहद शर्मनाक, जैसे अलवर में हुआ गैंगरेप का वीडियो। ऐसे वीडियो को आप क्या करते हैं? आते ही डिलीट कर देते हैं या फिर दूसरे तक भेज देते हैं।;
सोशल मीडिया का हमारे जीवन पर प्रभाव वृहद् स्तर पर है। हम वहां से सिखाते भी हैं और कई बार लोगों को सिखाते भी हैं। कभी न कभी आपको वाट्सऐप, फेसबुक पर वायरल वीडियों मिले ही होंगे, कुछ बहुत अच्छे वीडियो होते हैं तो कुछ बेहद शर्मनाक, जैसे अलवर में हुआ गैंगरेप का वीडियो। ऐसे वीडियो को आप क्या करते हैं? आते ही डिलीट कर देते हैं या फिर दूसरे तक भेज देते हैं।
अगर आप डिलीट कर देते हैं तो आप सभ्य इंसानों की श्रेणी में गिने जाएंगे, और जो इसे बढ़ावा देते हुए लोगों तक भेजते हैं वह न सिर्फ एक निंदनीय काम कर रहे हैं बल्कि एक जुर्म भी कर रहे हैं जिसको लेकर उन्हें सजा हो सकती है। बताते चले कि रेप के ऐसे वीडियो जो जबरन बनाए गए हो जिसमें पीड़ित पक्ष की पहचान हो रही हो उसे दूसरों तक भेजना कानूनन जुर्म है।
पीड़ित पक्ष की पहचान उजागर करने पर आइपीसी की धारा 228ए के साथ आइटी एक्ट की धारा 67 व 67ए के तहत दोषी मानकर आपको दो साल से पांच साल तक की सजा व 10 लाख तक जुर्माना हो सकता है। साथ ही गैंगरेप का वीडियो अगर किसी की मोबाईल में पाया जाता है तो उसके खिलाफ महिला अशिष्ट रूपण अधिनियम 1986 के तहत मामला दर्ज किया जाता है।
गौरतलब है कि 26 अप्रैल को अलवर में हुए गैंगरेप का वीडियो आरोपियों ने वायरल कर दिया जिसके बाद लोगों ने उसे सोशल मीडिया के तमाम माध्यमों से शेयर किया जाने लगा, वीडियो शेयर होने से पीड़ित पक्ष के लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। वह अवसादग्रस्त हो गए हैं।
गैंगरेप व छेड़खानी सबंधी वीडियो भेजने पर क्या कहता है कानून-
धारा 67 व 67ए- कोई भी ऐसी इलेक्ट्रानिक सामग्री जिसमें स्पष्टतः यौन सबंधी समाग्री, कृत्य अथवा व्यवहार से प्रदर्शित हो, ऐसे वीडियो मोबाइल में पाए जाने पर 5 साल की सजा हो सकती है।
धारा 228ए- ऐसा कोई भी वीडियों जिसमें रेप पीड़िता की पहचान हो, या कोई ऐसी सामग्री जिससे पीड़िता की पहचान उजागर हो, शेयर करता है तो वह 228ए के तहत अपराधी माना जाएगा, इसके लिए 2 साल तक जेल के प्रावधान हैं।
धारा 6 (महिला अशिष्ट रूपण अधिनियम 1986)- कोई भी ऐसी किताब, पंफलैट, कागज, फिल्म, लेख, पेंटिंग, फोटोग्राफ, कागज स्लाइड में महिला को अशोभनीय रूप से दिखाते हुए विक्रय करता है, बांटता है या फिर किराए पर देता है तो वह धारा 6 के अन्तर्गत अपराधी माना जाएगा, इस अपराध के लिए दो साल की जेल व जुर्माने का प्रावधान है।
ध्यान रहे, गैंगरेप सबंधी वीडियों भेजना कानूनी रूप से तो अपराध है ही पर समाजिक रूप से भी आप पाप के भागीदार बनते हैं। एक दूसरे को भेजने के लिए दुनिया में बहुत चीजें हैं। अच्छे गाने, कॉमेडी वीडियों, खूबसूरत वादियों की फोटो या फिर स्वयं की सेल्फी भेजिए पर ऐसे कोई वीडियों शेयर करने से बचिए जो लोगों की इज्जत को तार-तार करके बनाया गया है।
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