पहलू खान मॉब लिंचिंग केस : एसआईटी ने माना कोर्ट में नहीं पेश किए गए जरूरी सबूत
बहुचर्चित पहलू खान मॉब लिंचिंग केस की जांच के लिए कांग्रेस सरकार द्वारा गठित एसआईटी ने अपनी जांच में पहले हुई जांच में खामी पाई है। एसआईटी ने कहा कि मामले सरकारी वकील ने ठीक से पैरवी नहीं की। न ही उसने उन सबूतों को कोर्ट में पेश किया जिसमें आरोपियों की सही पहचान हो पाती है। इसीलिए कोर्ट को सभी आरोपियों को बरी करना पड़ा।;
बहुचर्चित पहलू खान मॉब लिंचिंग केस की जांच के लिए कांग्रेस सरकार द्वारा गठित एसआईटी ने अपनी जांच में पहले हुई जांच में खामी पाई है। एसआईटी ने कहा कि मामले सरकारी वकील ने ठीक से पैरवी नहीं की। न ही उसने उन सबूतों को कोर्ट में पेश किया जिसमें आरोपियों की सही पहचान हो पाती है। इसीलिए कोर्ट को सभी आरोपियों को बरी करना पड़ा।
इस मामले की जांच कर रही एसआईटी ने बताया कि गौ तस्करी के आरोप में भीड़ जब पहलू खान को पीट रही थी तो वहां वीडियो बनाया गया था जो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ। पुलिस ने जिस मोबाइल से वीडियो बनाया गया था उसे जब्त कर लिया और उसकी उसमें से तस्वीरों को निकालकर चार्जशीट में भी लगाया गया।
सरकारी वकील ने फोटो को सबूत के तौर पर कोर्ट में नहीं रखा जिसकी वजह से सभी 6 आरोपी बरी हो गए। एसआईटी अपनी जांच रिपोर्ट को 9 सितंबर को कोर्ट सौपेगी। रिपोर्ट में कई अहम सबूतों को शामिल किया गया है जिसे पहली बार में शामिल नहीं किया गया था। एसआईटी ने बताया कि जब कोर्ट में आरोपियों की गिरफ्तारी का आधार पूछा गया तो सरकारी वकील जवाब देने में असफल रहे थे।
एसआईटी ने अपनी जांच में पाया कि घटना के अगले दिन एकदम सुबह 3 बजकर 50 मिनट पर मामला दर्ज कर लिया गया था पर जब कोर्ट में सुनवाई हो रही थी तो इसे 3.50 AM की जगह 3.50 PM बता दिया गया। कोर्ट ने इसी को आधार बनाकर मामले में 16 घंटे की देरी मानी। जो इस केस को कमजोर बना देता है। फिलहाल एसआईटी की फाइनल रिपोर्ट आनी बाकी है जिसके बाद मामला साफ हो जाएगा।
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