SAFF Championship में भारत की जीत के बाद मचा बवाल, Jeakson Singh ने ओढ़ा मैतेई झंडा
SAFF Championship: भारतीय टीम के 22 वर्षीय फुटबॉलर जैक्सन सिंह ने तब विवाद खड़ा कर दिया, जब उन्होंने SAFF चैंपियनशिप 2023 के पदक वितरण समारोह में मैतेई ध्वज लपेट लिया। पढ़िये आगे क्या हुआ...;
SAFF Championship: मणिपुर (Manipur) से आने वाले भारतीय फुटबॉलर जैक्सन सिंह (India Footballer Jeakson Singh) की एक हरकत ने उस उस समय हलचल मचा दी, जब मंगलवार को भारतीय फुटबॉल टीम (Indian Football Team) सैफ चैंपियनशिप (SAFF Championship) के फाइनल में कुवैत (Kuwait) की टीम को हराने के बाद पदक (Medals) प्राप्त कर रही थी। जैक्सन सिंह उस दौरान अपनी फुटबॉल जर्सी (Jersey) के ऊपर एक बहुरंगी मैतेई झंडा (Meitei flag) लपेटे थे। जैक्सन सिंह भारतीय राष्ट्रीय फुटबॉल (Indian National Football Team) टीम में एक डिफेंडर (Defender) हैं और मणिपुर के थौबल (Thoubal) जिले के रहने वाले हैं।
आपको बता दें कि मणिपुर में इन दिनों जातीय हिंसा फैली हुई है। जैक्सन ने पदक वितरण समारोह के दौरान कांगलेईपाक, सलाई तारेत ध्वज (Kangleipak Salai Taret flag) जो प्राचीन मणिपुर की मैतेई जातीयता के सात कबीले राजवंशों (Seven Clan Dynasties) का प्रतिनिधित्व करने वाला सात रंंगों का झंडा था।
सोशल मीडिया पर मचा हंगामा
फुटबॉलर की इस हरकत से सोशल मीडिया (Social Media) पर हंगामा मच गया और कुछ लोगों ने उन्हें "गैर-पेशेवर" और "अलगाववादी" कहा। इस विवाद के बीच जैक्सन सिंह ने कहा कि उन्होंने केवल झंडा लपेटा था क्योंकि वह चाहते थे कि उनके गृह राज्य में शांति लौटे। कुछ सोशल मीडिया यूजर्स (Social Media Users) ने मणिपुरी फुटबॉलर की इस हरकत की आलोचना करते हुए और जैक्सन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
एक ट्विटर यूजर ने इंडियन फुटबॉल को टैग कर उन पर कार्रवाई करने की मांग करते हुए कहा, "जैक्सन सिंह अलगाववादी झंडे के साथ क्या कर रहे हैं। क्या वह नहीं जानते कि यह कोई राज्य या क्षेत्रीय स्तर की प्रतियोगिता नहीं है, बल्कि एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट है, जहां वह अपने देश भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।"
एक अन्य यूजर ने कहा, "जैक्सन सिंह आज रात भारत की SAFF चैंपियनशिप जीत के जश्न के दौरान अपने कंधे पर सलाई टैरेट ध्वज के साथ एक राजनीतिक हरकत कर रहे हैं। जबकि, हम टीम को जीत के लिए बधाई दे रहे हैं, देश का प्रतिनिधित्व करने वाले एक फुटबॉलर का ऐसा व्यवहार गैर-पेशेवर है।"
जैक्सन ने किया खुद का बचाव
सोशल मीडिया पर स्पष्टीकरण जारी करते हुए, जैक्सन सिंह ने कहा कि उन्होंने केवल मणिपुर में हिंसा को सबके सामने ऱखने के लिए झंडा ओढ़ा रखा था और बताया कि वह किसी की धार्मिक भावनाओं को चोट नहीं पहुंचाना चाहते थे।
जैक्सन ने कहा, "मैं भारत और मणिपुर के प्रत्येक व्यक्ति से कहना चाहता हूं कि शांतिपूर्ण तरीके से रहें और किसी से लड़ाई न करें। मैं मणिपुर में शांति चाहता हूं। मणिपुर हिंसा को दो महीने हो गए हैं और लड़ाई अभी भी जारी है। मैं नहीं चाहता कि इस तरह की चीजें और हों। मैं चाहता हूं शांति पाने के लिए इसे सरकार और लोगों के ध्यान में लाएं। मेरा परिवार सुरक्षित है, लेकिन ऐसे बहुत से परिवार हैं, जिन्होंने कष्ट झेले हैं और अपना घर खो दिया है।"
मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (ST) दर्जे की मांग के विरोध में 3 मई को पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किए जाने के बाद मणिपुर में हिंसा भड़क उठी। इस हिंसा में अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। इसके अलावा हजारों लोगों ने अपना घर छोड़ राहत शिविरों में शरण ली है।