अफगानिस्तान की 32 महिला फुटबॉलर तालिबान से बचकर पहुंची पाकिस्तान
तालिबान से अपनी जान बचाकर अफगानिस्तान की 32 महिला फुटबॉल खिलाड़ी अपने परिवारों के साथ पाकिस्तान पहुंच गई हैं। जिन्हें लगातार तालिबान की धमकियों का सामना करना पड़ा रहा था।;
खेल। अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) के कब्जे और सत्ता में आने के बाद से वहां के हालात बदतर हो गए हैं। खासतौर पर महिलाओं के लिए, तालिबान ने ऐलान किया है कि अगर वहां की महिलाएं पढ़ना चाहती हैं या बाहर काम करना चाहती हैं तो उन्हें शरिया कानून का पालन करना होगा। वहीं तालिबान ने खेल से जुड़ी महिलाओं को धमकियां दी हैं कि वह इसके सपने देखना छोड़ दें, क्योंकि तालिबान का मानना है कि इस्लाम में महिलाओं का खेलना हराम है।
वहीं इसी क्रम में तालिबान से अपनी जान बचाकर अफगानिस्तान की 32 महिला फुटबॉल खिलाड़ी अपने परिवारों के साथ पाकिस्तान पहुंच गई हैं। जिन्हें लगातार तालिबान की धमकियों का सामना करना पड़ा रहा था। दरअसल बुधवार को एक रिपोर्ट के मुताबिक उन्हें निकालने के लिए सरकार को आपात मानवीय वीजा जारी करना पड़ा। इसके बाद ही वह पाकिस्तान पहुंचीं।
बता दें कि ये सभी खिलाड़ी राष्ट्रीय जूनियर बालिका की टीम से हैं। जिन्हें पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक कतर जाना था। वहीं कतर में इस समय अफगान शरणार्थियों को 2022 फीफा वर्ल्ड कप के एक स्टेडियम में रखा गया है। लेकिन 26 अगस्त को काबुल एयरपोर्ट पर हुए बम धमाके के कारण ये सभी खिलाड़ी कतर नहीं पहुंच पाईं।
वहीं एक पाकिस्तानी अखबार के हवाले से इन महिला खिलाड़ियों को फुटबॉल खेलने के लिए तालिबान से लगातार धमकियां मिल रहीं थी। तालिबान के सत्ता में आने के बाद से ही ये खिलाड़ी उससे बचती फिर रही थीं। इसके बाद इन 32 खिलाड़ियों को ब्रिटेन की एक गैर सरकारी संगठन फुटबॉल फॉर पीस ने सरकार और पाकिस्तान फुटबॉल महासंघ ने पाकिस्तान लाने की शुरुआत की। ये महिला खिलाड़ी पेशावर से लाहौर जाएंगी, इसके बाद उन्हें पाकिस्तान फुटबॉल महासंघ के मुख्यालय में रखा जाएगा।
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते फीफा अध्यक्ष जियानी इन्फैनटिनो ने दोहा की यात्रा की, इस दौरान वह अफगानिस्तानी शरणार्थियों से मिले थे। वहीं फीफा की इस बात की भी आलोचना हुई थी कि उसने अफगानिस्तान की महिला फुटबॉलरों की मदद नहीं की।