मेजर ध्यानचंद जयंती पर मनाया जाता है Sports Day, जानिए हॉकी जादूगर के अनोखे रिकॉर्ड

Major Dhyan Chand Birthday : मेजर ध्यानचंद ने 1928 में देश को पहला स्वर्ण जिताया, ये उनका भी पहला ही इवेंट था। 1932 में खेले गए लॉस एंजेलिस ओलिंपिक में भी ध्यानचंद ने कमाल खेल दिखाया, और देश को स्वर्ण जिताया। क्रिकेट के स्टार डॉन ब्रैडमैन भी ध्यानचंद के खेल को खूब मानते थे, वह उनके खेल से प्रभावित थे।;

Update: 2020-08-29 05:37 GMT

हॉकी के महान खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद (Major Dhyan Chand) की आज 116 वीं जयंती है। मेजर ध्यान चंद जी की जयंती पर पूरा देश उनको याद कर रहा है। मेजर ध्यान चंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को इलाहाबाद शहर (Major Dhyan Chand Birthday) जिसे अब प्रयागराज के नाम से जाना जाता है, में एक राजपूत परिवार में हुआ था। मेजर ध्यानचंद इतिहास के सबसे महान हॉकी खिलाड़ियों में शामिल है।

ध्यानचंद जी के जन्मदिवस के मौके पर 29 अगस्त भारत में हर साल राष्ट्रीय खेल दिवस (National Sports Day) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन राष्ट्रपति देश के सर्वोच्च खेल अवार्ड राजीव गांधी खेल रत्न, द्रोणाचार्य पुरस्कार, अर्जुन अवार्ड आदि अवार्ड्स से नामित खिलाड़ियों को सम्मानित करते हैं।

मेजर ध्यानचंद की हॉकी स्टिक से चिपक जाती थी गेंद

विरोधियों द्वारा अक्सर ऐसा आरोप लगाया जाता था कि मेजर ध्यान चंद की हॉकी स्टिक में ऐसा कुछ लगा हुआ है, जिससे गेंद चिपरी रहती है। दरअसल मेजर ध्यानचंद जब मैदान पर खेलते थे, तब सब लोगों का ध्यान उन्ही की ओर केंद्रित रहता था और उसकी वजह उनका जादुई खेल था। मेजर ध्यान चंद का हॉकी स्टिक के साथ गेंद पर अद्भुद नियंत्रण था। 1956 को मेजर ध्यानचंद को भारत सरकार ने देश के तीसरे सर्वोच्च सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया था। 

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मेजर ध्यान चंद के रिकार्ड्स

मेजर ध्यानचंद ने 1928 में देश को पहला स्वर्ण जिताया, ये उनका भी पहला ही इवेंट था। 1932 में खेले गए लॉस एंजेलिस ओलिंपिक में भी ध्यानचंद ने कमाल खेल दिखाया, और देश को स्वर्ण जिताया। क्रिकेट के स्टार डॉन ब्रैडमैन भी ध्यानचंद के खेल को खूब मानते थे, वह उनके खेल से प्रभावित थे।

एक किस्सा उनका खूब प्रचलित है, जब उन्होंने हिटलर जैसे क्रूर शासक की पेशकश ठुकराकर कहा था कि भारत बिकाऊ नहीं है। दरअसल हिटलर उनको अपने देश के लिए खेलता देखना चाहता था, यानी आप समझ सकते हैं कि मेजर ध्यान चंद भारत के ही नहीं बल्कि दुनिया के महान हॉकी प्लेयर थे। मेजर ध्यानचंद ने टीम की अगुवाई करते हुए 1928, 1932 और 1936 में लगातार तीन ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने का रिकॉर्ड बनाया था।

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