पिता के निधन के बाद पहली बार घर पहुंचते ही भावुक हुई वंदना कटारिया, मां को गले लगाकर रोने लगी
वंदना कटारिया करीब डेढ़ साल बाद अपने घर वापस लौटी, तो भावुक हो गई और अपनी मां को गले लगकर रोने लगी।;
खेल। टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में इतिहास रचने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम (India Women's Hockey team) की स्ट्राइकर वंदना कटारिया (Vandana Katariya) बुधवार को अपने घर हरिद्वार (Haridwar) पहुंची। वह करीब डेढ़ साल बाद अपने घर वापस लौटी, जैसे ही उन्होंने अपनी मां को देखा वह भावुक हो गई और उनके गले लगकर रोने लगी।
वंदना जैसे ही हरिद्वार (Haridwar) पहुंची तो हवाई अड्डे पर उन्हें देखने के लिए कई लोग वहां मौजूद थे। वहीं घर पहुंचने तक उनका जोरदार स्वागत हुआ, रास्ते भर गाजे-बाजे के साथ जश्न मनाया गया। ओलंपिक हॉकी मैच में हैट्रिक लगाने वाली वंदना के लिए ये किसी सपने से कम नहीं था।
दरअसल दो महीने पहले वंदना के पिता का निधन हो गया था उस वक्त वह ओलंपिक खेलों की प्रैक्टिस कर रही थीं जिस कारण वह घर नहीं आ पाई। वहीं हरिद्वार पहुंचकर उन्होंने कहा कि हम लोग मेडल के बहुत नजदीक थे, मेडल नहीं जीत पाए लेकिन हमने देश के लोगों का दिल जीता है। आने वाले समय में भारतीय टीम जरूर गोल्ड जीतेगी।
इसलिए जब इतने समय बाद वह घर आई तो भावुक हो गई और मां के गले लगकर रोने लगी। इस दौरान उन्होंने पिता के सपने को याद करते हुए कहा कि पापा हमेशा कहते थे बेटी मेडल लेकर ही आना। वंदना ने कहा कि ओलंपिक की शुरुआत के तीन मैचों में हार मिलने के बाद उनकी टीम पूरी तरह से टूट गई थी लेकिन इसके बाद पॉजिटिव मोटिवेशन से टीम और उसमें ऊर्जा का संचार पैदा हुआ। बता दें कि उन्होंने ओलंपिक में भारतीय टीम के लिए सबसे ज्यादा गोल किए।