Dhyan Chand Birthday: भारतीय हॉकी इतिहास के टॉप 5 महान खिलाड़ी, मेजर ध्यानचंद को कहा जाता है 'जादूगर'
Major Dhyan Chand Birthday National Sports Day 2019: हॉकी (Hockey) के खेल में भारत का गौरवशाली अतीत रहा है। 11 ओलंपिक पदक 8 स्वर्ण, 1 रजत और 2 कांस्य पदक के साथ भारत हॉकी के इतिहास में सबसे सफल टीम है। मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन (Major Dhyan Chand Birthday) और राष्ट्रीय खेल दिवस (National Sports Day 2019) के मौके पर हम आपको भारतीय हॉकी इतिहास के टॉप 5 खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं।;
National Sports Day 2019 Major Dhyan Chand Birthday मेजर ध्यानचंद बर्थडे हॉकी (Hockey) के खेल में भारत का गौरवशाली अतीत रहा है। 11 ओलंपिक पदक 8 स्वर्ण, 1 रजत और 2 कांस्य पदक के साथ भारत हॉकी के इतिहास में सबसे सफल टीम है। वर्तमान में विश्व रैंकिंग में 5वें स्थान पर रहने के बावजूद पूरे हॉकी इतिहास में भारत से कई टॉप खिलाड़ी निकले हैं। भारत का नेशनल गेम भी हॉकी ही है। हॉकी की बात हो और मेजर ध्यानचंद का नाम ना आए, तो ये बेईमानी होगी।
हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले भारतीय दिग्गज मेजर ध्यानचंद (Major Dhyan Chand) को हॉकी खेल इतिहास के सबसे महान हॉकी खिलाड़ियों में गिना जाता है। 29 अगस्त को उनके जन्मदिन को भारत में हर साल राष्ट्रीय खेल दिवस (National Sports Day 2019) के रूप में मनाया जाता है। मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन और राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर हम आपको भारतीय हॉकी इतिहास के टॉप 5 खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं।
भारतीय हॉकी इतिहास के टॉप 5 खिलाड़ी
1. मेजर ध्यानचंद (Major Dhyan Chand)
सबसे महान हॉकी खिलाड़ियों में से एक मेजर ध्यानचंद को उनके शानदार स्टिक-वर्क और बॉल कंट्रोल की वजह से हॉकी का 'जादूगर' भी कहा जाता था। आपको जानकर हैरानी होगी कि उनका वास्तविक नाम ध्यानचंद नहीं है। जन्म के समय उन्हें 'ध्यान सिंह' नाम दिया गया था और उनके साथियों द्वारा उनका नाम ध्यानचंद रखा गया था क्योंकि वह रात में अभ्यास करते थे जब आम तौर पर चांद दिखाई देता है। ध्यानचंद ने भारत के लिए तीन ओलंपिक स्वर्ण पदक जीते, जिसमें एम्स्टर्डम (1928), लॉस एंजिल्स (1932) और बर्लिन (1936) ओलंपिक जीत शामिल है।
वह अपने करियर में 400 से अधिक गोल के साथ हॉकी इतिहास में सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी हैं। खेलों में जीवन भर की उपलब्धि के लिए भारत का सर्वोच्च पुरस्कार लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड इस हॉकी जादूगर के नाम पर ध्यानचंद अवार्ड रखा गया है। भारत का तीसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण (1956) पाने वाले वह एकमात्र हॉकी खिलाड़ी है। जर्मन तानाशाह हिटलर ने तो यहां तक कि हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को जर्मन नागरिकता की पेशकश की थी ताकि वह वेस्ट जर्मनी का प्रतिनिधित्व कर सके, जिसे ध्यानचंद ने अस्वीकार कर दिया था।
2. बलबीर सिंह सीनियर (Balbir Singh Senior)
बलबीर सिंह सीनियर खेल के इतिहास में एकमात्र खिलाड़ी है जिसने एक ओलंपिक मैच में 5 गोल किए हैं। उन्होंने फाइनल में नीदरलैंड के खिलाफ 6-1 से जीत में 5 गोल किए थे। वह लंदन (1948), हेलसिंकी (1952) और मेलबर्न (1956) में तीन ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी है। उन्होंने मेलबर्न ओलंपिक में टीम की कप्तानी की जबकि बलबीर सिंह ने 1958 और 1962 के एशियाई खेलों में रजत पदक के साथ वापसी करने वाली भारतीय टीम का भी प्रतिनिधित्व किया। 1957 में बलबीर सिंह सीनियर 'पद्म श्री पुरस्कार' जीतने वाले पहले खिलाड़ी बने। उन्होंने दो ऑटो बायोग्राफी भी लिखी हैं- The Golden Hat-trick (1977) और The Golden Yardstick: In Quest of Hockey Excellence (2008)।
3. धनराज पिल्लै (Dhanraj Pillay)
धनराज पिल्लै का जन्म भले ही भारतीय हॉकी की स्वर्णिम पीढ़ी में नहीं हुआ था, लेकिन उन्हें आधुनिक हॉकी में भारत का सबसे बड़ा खिलाड़ी माना जाता है। उन्होंने दिसंबर 1989 में डेब्यू किया और शानदार कैरियर के बाद अगस्त 2004 में रिटायरमेंट लिया। वह काफी समय तक भारत के कप्तान भी रहे। धनराज पिल्लैएकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने 4 ओलंपिक (1992, 1996, 2000 और 2004), 4 विश्व कप (1990, 1994, 1998 और 2002), 4 एशियाई खेल (1990, 1994, 1998 और 2002) और 4 चैंपियंस ट्रॉफी (1995, 1996, 2002 और 2003) में देश का प्रतिनिधित्व किया है। धनराज पिल्लै की कप्तानी में भारत ने 1998 का एशियाई खेल और 2003 में एशिया कप जीता।
4. लेस्ली क्लॉडियस (Leslie Claudius)
1927 में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर ( तब बिहार) में जन्मे लेस्ली क्लॉडियस ने उधम सिंह के साथ मिलकर भारत के लिए सबसे अधिक ओलंपिक (3 गोल्ड और 1 सिल्वर) मेडल जीते हैं। वह पहले खिलाड़ी थे जिन्होंने लगातार चार ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया और 100 कैप जीते। स्ली क्लॉडियस बैंकाक में 1978 के एशियाई खेलों में भारतीय टीम के मैनेजर भी थे, जहां पाकिस्तान के खिलाफ एक करीबी मुकाबले में हार कर भारत दूसरे स्थान पर रहा।
5. उधम सिंह (Udham Singh)
जालंधर, पंजाब के रहने वाले उधम सिंह भारत के सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक थे। उनकी हाइट केवल 5 फुट 6 इंच थी जबकि वजन केवल 58 किलोग्राम था। हालांकि छोटे कद की वजह से उनका खेल कभी प्रभावित नहीं हुआ। वह संयुक्त रूप से सबसे सफल भारतीय ओलंपियन हैं, जिन्होंने 3 ओलंपिक स्वर्ण पदक और 1 रजत पदक जीता। वह 1960 के रोम ओलंपिक में रजत जीतने के अलावा हेलसिंकी (1952), मेलबर्न (1956) और टोक्यो (1964) ओलंपिक स्वर्ण विजेता टीमों का हिस्सा थे। हॉकी से रिटायरमेंट के बाद उधम सिंह मैनेजर के रूप में भारतीय टीम की कमान संभाली। उनके मैनेजर रहते भारत ने 1968 में मेक्सिको ओलंपिक और बैंकाक में 1970 के एशियाई खेलों में रजत पदक जीता था।
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