उन्नाव रेप केस: हत्या मामले में कुलदीप सेंगर समेत सभी आरोपियों को 10 साल की सजा, ऐसे हुई थी पीड़िता के पिता की मौत
उन्नाव रेप केस: दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने पीड़िता के पिता की हत्या के दोषी कुलदीप सेंगर समेत सभी आरोपियों को 10 साल की सज़ा सुनाई। कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया।;
उन्नाव रेप केस: दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने शनिवार को रेप पीड़िता के पिता की कस्टडी में हुई मौत के मामले में सजा का ऐलान किया है। भाजपा से निष्कासित दोषी करार विधायक कुलदीप सेंगर समेत सातों आरोपियों को दस साल की सजा सुनाई गई।
साथ ही, अदालत ने सेंगर और उनके भाई अतुल सेंगर को पीड़ित परिवार को मुआवजे के रूप में 10-10 लाख रुपये देने का निर्देश दिया। हालांकि इससे पहले उन्नाव रेप केस में सीबीआई की विशेष अदालत ने भाजपा से निष्कासित पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कुलदीप सेंगर के खिलाफ यह दूसरा आरोप था, जिसके तहत अदालत ने आज अपना फैसला सुनाया है।
उन्नाव बलात्कार मामला(पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत): दिल्ली कोर्ट ने निष्कासित भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर सहित सभी दोषियों को 10साल की जेल की सजा सुनाई। कोर्ट ने सेंगर और उसके भाई अतुल सेंगर को क्षतिपूर्ति के तौर पर पीड़ित परिवार को 10-10 लाख रुपये देने का निर्देश दिया। pic.twitter.com/C0IayZ2NcF
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 13, 2020
इस मामले में तीस हजारी कोर्ट ने 11 आरोपियों में से 4 को बरी कर दिया था, जबकि 7 लोगों को दोषी करार दिया गया था। कुलदीप सिंह सेंगर, सब इंस्पेक्टर कामता प्रसाद, एसएचओ अशोक सिंह भदौरिया, विनीत मिश्रा उर्फ विनय मिश्रा, बीरेंद्र सिंह उर्फ बउवा सिंह, शशि प्रताप सिंह उर्फ सुमन सिंह, जयदीप सिंह उर्फ अतुल सिंह को दोषी करार दिया गया था, जिसे कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाते हुए 10 साल की सजा सुनाई है।
ऐसे हुई थी पीड़िता पिता की मौत
पीड़िता के पिता एक दोस्त के साथ अपने गांव वापस लौट रहे थे। इसी दौरान रास्ते में शशि प्रताप सिंह नाम के एक युवक ने उनसे लिफ्ट मांगी। लेकिन उन्होंने लिफ्ट देने से मना कर दिया। इससे दोनों पक्षों के बीच विवाद शुरू हो गया। मामला बढ़ता देख शशि ने अपने दोस्त कुलदीप सेंगर के भाई अतुल को विवाद स्थल पर बुलाया।
जिसके बाद दोनों ने मिलकर पीड़िता के पिता की बुरी तरह से पिटाई की, जिससे गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस मौके पर पहुंची और उसे अस्पताल ले जाने के बजाय थाने ले जाया गया। जहां पुलिस पीड़ित के पिता को दो दिनों के लिए हिरासत में लिया गया था। जिसके कारण 9 अप्रैल 2018 को उनकी मौत हो गई।