Dervesh Yadav Murder Case : कौन थीं दरवेश यादव जिन्हें उनके ही साथी वकील ने मारी गोली, यहां जानें पूरी घटना

बुधवार को यूपी बार काउंसिल की अध्यक्ष दरवेश यादव की हत्या हो गई। हत्या उनके ही साथी वकील ने की है। अध्यक्ष चुने जानें के बाद दरवेश यादव के सम्मान में वकीलों ने कोर्ट परिसर में ही उनके स्वागत में एक विजय जुलूस निकाला था। जीत की खुशी मनाने के बाद दरवेश अधिवक्ता अरविंद मिश्रा के चैंबर में पहुंची। तभी साथी अधिवक्ता मनीष आया और किसी बात को लेकर दरवेश से बहस हो गई। बात बढ़ने के बाद गुस्साया मनीष अपना लाइसेंसी पिस्टल निकालकर दरवेश पर लगातार तीन गोलियां दाग दी।;

Update: 2019-06-12 13:01 GMT

Darvesh Yadav Murder Case : बुधवार को यूपी बार काउंसिल (UP Bar Council) की अध्यक्ष दरवेश यादव (Darvesh Yadav) की हत्या हो गई। हत्या उनके ही साथी वकील ने की है। अध्यक्ष चुने जानें के बाद दरवेश यादव के सम्मान में वकीलों ने कोर्ट परिसर में ही उनके स्वागत में एक विजय जुलूस निकाला था। जीत की खुशी मनाने के बाद दरवेश अधिवक्ता अरविंद मिश्रा के चैंबर में पहुंची। तभी साथी अधिवक्ता मनीष आया और किसी बात को लेकर दरवेश से बहस हो गई। बात बढ़ने के बाद गुस्साया मनीष अपना लाइसेंसी पिस्टल निकालकर दरवेश पर लगातार तीन गोलियां दाग दी।

इसके तुरंत बाद ही उसने खुद को भी गोली मार ली। फायरिंग से कोर्ट परिसर में अफरातफरी का माहौल हो गया। दरवेश को तुरंत पास के ही पुष्पाजंलि अस्पताल में ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मनीष को लोटस अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।

दो दिन पहले बनीं थी यूपी बार काउंसिल की अध्यक्ष

वकालत की राजनीति में पहली बार किसी महिला ने बार काउंसिल के चुनाव में विजय हासिल किया था। दो दिन पहले ही दरवेश प्रदेश की बार काउंसिल की अध्यक्ष के तौर पर निर्वाचित हुईं थीं। चुनाव यूपी के प्रयागराज में हुआ था। जिसमें दरवेश और हरिशंकर को बराबर यानी 12-12 मत प्राप्त हुए थे और पहली बार इतिहास में दरवेश ने बार काउंसिल की महिला अध्यक्ष के रूप में चुनी गईं थी। इस बार के चुनाव में कुल 298 प्रत्याशियों ने भाग लिया था।

दरवेश कौन थीं?

दरवेश मूल रूप से यूपी के एटा की निवासी थीं। इनके पिता एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी हैं। वे अपने माता-पिता की सबसे बड़ी लड़की थीं। दरवेश पहली बार 2016 में बार काउंसिल के उपाध्यक्ष के तौर पर चुनी गईं। फिर साल 2017 में उन्हें कार्यकारी उपाध्यक्ष के तौर पर चुना गया। उन्होंने वकालत की राजनीति में 2012 में कदम रखा था तब वे सदस्य के पद पर चुनी गईं थीं।

वे आगरा कॉलेज से उन्होंने कानून में स्नातक की डिग्री हासिल की थी। वहीं उन्होंने एलएलएम की डिग्री बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय से ली थी। 2014 में उन्होंने वकालत की दुनिया में कदम रखा था। मर्डर करने वाले मनीष बाबू शर्मा उनके सबसे करीबी मित्र थे। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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