Devshayani Ekadashi 2019 : देवशयनी एकादशी व्रत कथा

Devshayani ekadashi 2019 :देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) के दिन से चार माह के लिए भगवान विष्णु (Lord Vishnu) निद्रा अवस्था में चले जाते हैं । जिसके बाद पृथ्वीं पर सभी शुभ कार्य बंद हो जाते हैं। इसके बाद भगवान विष्णु देवउठनी एकादशी (Devuthani Ekadashi) पर निद्रा अवस्था से बाहर आते हैं। साल 2019 में देवउठनी एकादशी 8 नबंवर 2019 (Devuthani Ekadashi 8 November 2019) के दिन पड़ रही है। अगर आप भी देवशयनी एकादशी का व्रत (Devshayani Ekadashi Vrat) करना चाहते हैं और आपको देवशयनी एकादशी की व्रत कथा (Devshayani Ekadashi Vrat Katha) के बारे में नहीं पता तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे

Devshayani Ekadashi 2019/देवशयनी एकादशी 2019



संसार का मुख्य आधार वर्षा है और हमारे राज्य में वर्षा न होने के कारण आकाल पड़ गया है। प्रजा भूख से मर रही है। 'हे राजन! अपनी प्रजा को इस स्थिति से निकालने के लिए कुछ तो किजिए नहीं तो हमें किसी दूसरे राज्य में शरण लेनी पड़ेगी। अंगिरी ऋषि की बात सुनकर राजा ने पूरे विधि-विधान से देवशयनी एकादशी का व्रत किया

प्रजा की बात सुनकर राजा ने पूजा कि और कुछ लोगों के साथ वन की और चल दिए। वह प्रत्यके ऋषि के पास इस समस्या का सामधान खोजने के लिए गए । लेकिन किसी के पास भी इस समस्या का कोई भी समाधान नहीं था। अंत में राजा में ब्रह्मा जी के मानस पुत्र अंगिरा ऋषि के आश्रम पर पहुँचें। ऋषि ने राजा से उसके आने का कारण पूछा तब राजा ने ऋषि को सारी बात बताई।

जिसके बाद ऋषि राजा से कहते हैं कि आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की देवशयनी नाम की एकादशी का विधानपूर्वक व्रत करो। इस व्रत के प्रभाव से तुम्हारे राज्य में वर्षा होगी और प्रजा भी पूर्व की भाँति सुखी हो जाएगी, क्योंकि इस एकादशी का व्रत सिद्धियों को देने वाला है और कष्टों से मुक्त करने वाला है।जिसके बाद राजा के राज्य में अच्छी वर्षा हुई और प्रजा को अकाल से मुक्ति मिल गई। इस एकादशी को पद्मा एकादशी भी कहते हैं। चातुर्मास्य व्रत भी इसी एकादशी के व्रत से आरम्भ किया जाता है


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