ये हैं चमकी बुखार के लक्षण और उपचार

हर साल बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में बच्चों को निगल जाने वाले बुखार चमकी ने दस्तक दे दी है। इस बुखार को सिर्फ एक नाम से नहीं बल्कि कई नामों से जाना जाता है जैसे चमकी बुखार, जापानी इंसेफलाइटिस, दिमागी बुखार, एईएस (एक्टूड इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम), मस्तिष्क ज्वार।;

Update: 2019-06-13 06:47 GMT

हर साल बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में बच्चों को निगल जाने वाले बुखार चमकी ने दस्तक दे दी है। इस बुखार की वजह से मुजफ्फरपुर और उसके आस पास के इलाकों में 60 बच्चों ने दम तोड़ दिया है।

इस बुखार को सिर्फ एक नाम से नहीं बल्कि कई नामों से जाना जाता है जैसे चमकी बुखार, जापानी इंसेफलाइटिस, दिमागी बुखार, एईएस (एक्टूड इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम), मस्तिष्क ज्वार। इस बीमारी से पीड़ित बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है और हर दिन नए नए बच्चे अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं।

इस बीमारी की चपेट में 5 साल से लेकर 15 साल तक के बच्चे आते हैं। कहते हैं कि जब इस बुखार की शुरुआत होती है तो इससे दिमाग पर ज्यादा सूजन आ जाती है। आइए जानते हैं चमकी बुखार, जापानी इंसेफलाइटिस, दिमागी बुखार, एईएस (एक्टूड इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम), मस्तिष्क ज्वार के लक्षण और उपचार 


आइए जानते हैं चमकी बुखार के लक्ष्ण और उपचार

1. शरीर में कमजोरी आना

2. देखने, बुलने और सुनने में दिक्कत आना

3. समय समय पर बेहोश हो जाना

4. मस्तिष्क का संतुलन ना होगा

5. शरीर का अचानक अकड़ जाना

6. पैरालाइज हो जाना

7. अचानक भ्रम उत्पन्न होना

8. उल्टी या जी मिचल जाना

9. शिशुओं की खोपड़ी के नरम स्थानों में उभार आ जाना


चमकी बुखार के उपचार

इसके लक्ष्णों को जब आप पहचान लें तो फिर आपको इस चमकी बुखार से पीड़िता बच्चे के उपचार के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना होगा जैसे

1. शरीर में पानी की कमी न होने दें

2. बच्चों को हेल्दी फूड दें

3. रात को खाने के बाद मीठा खिलाएं

4. बच्चों में हाइपोग्लाइसीमिया यानी शुगर की कमी ना हो

अगर इतने उपचार के बाद भी बच्चों को ये बीमारी हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं और ईलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवा दें। इसको लेकर बिहार में सरकार ने प्रशासन को अलर्ट किया हुआ है।

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