Chamki Fever : केंद्रीय टीम को 'चमकी बुखार' पर नहीं मिली सफलता, जानें क्या कहा

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में चमकी बुखार का कहर जारी है। मंगलवार सुबह बिहार के स्वास्थ्य मंत्री श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (SKMCH) पहुंचे, उन्होंने स्थितियों का जायजा लिया। बता दें कि सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक अब तक 54 बच्चे इस जानलेवा बुखार की चपेट आकर जान गवां चुके हैं। इसमें से 46 बच्चों की मौत श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज में हुई है वहीं 8 बच्चों की मौत केजरीवाल हॉस्पिटल में हुई है।;

Update: 2019-06-14 06:48 GMT

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में चमकी बुखार का कहर जारी है। मंगलवार सुबह बिहार के स्वास्थ्य मंत्री श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (SKMCH) पहुंचे, उन्होंने स्थितियों का जायजा लिया। बता दें कि सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक अब तक 54 बच्चे इस जानलेवा बुखार की चपेट आकर जान गवां चुके हैं। इसमें से 46 बच्चों की मौत श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज में हुई है वहीं 8 बच्चों की मौत केजरीवाल हॉस्पिटल में हुई है।

केंद्रीय स्वास्थ्य टीम को नहीं मिली सफलता

बुखार की जांच के लिए आई केंद्रीय जांच टीम अभी तक कोई सफलता नहीं पा सकी है। जांच दल ने कहा है कि ब्रेन टिश्यू से संबंधित मामला है। इस बीमारी के 15 लक्षण हैं, जिनमें बुखार, उल्टी व दस्त मुख्य रूप से है। उन्होंने कहा कि बीमारी से निपटने के लिए शोध करना जरूरी है। तभी इस पर काबू पाया जा सकता है।

केंद्रीय टीम ने कहा रिसर्च की जरूरत

टीम के मुख्य नेतृत्वकर्ता व राष्ट्रीय बाल कल्याण विभाग के सलाहकार डॉ. अरूण सिन्हा ने बताया कि इस बीमारी पर रिसर्च करने के लिए वे सरकार को पत्र लिेखेंगे। केंद्रीय टीम ने बीमार बच्चों के पर्चे को देखकर इलाज के बारे में जायजा लिया। इस दौरान वे बच्चों के अभिभावकों से भी मिले व बीमारी के लक्षण के बारे में पूछा। केंद्रीय स्वास्थ्य जांच दल ने इस बीमारी के लक्षणों व दवाओं के बारे में ब्यौरा तैयार किया। मुजफ्फरपुर से वापस लौटने के बाद टीम इस पर विश्लेषण करेगी।

10 दिन में 65 मासूमों की गई जान

सरकार का दावा है कि कुल 54 बच्चों की ही मौत हुई है लेकिन स्थानीय मीडिया की माने तो दस दिनों में कुल 65 बच्चों की मौत हो चुकी है। डॉक्टरों का कहना है कि एक साथ जब इतने बच्चे भर्ती होंगे तब कैसे इलाज संभव है? हालांकि हमारी पूरी कोशिश है कि सभी का इलाज हो सके। उन्होंने कहा कि हमारी टीम बच्चों को बचाने के लिेए हर संभव कोशिश कर रही है। अस्पताल में जगह न होने से थोड़ी परेशानी हो रही है। 

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