Chamki Fever : चमकी के तांडव से 150 से ज्यादा मासूमों ने तोड़ा दम, फिर भी नहीं जागे पीएम- विपक्ष भी मौन
बिहार के मुजफ्फरपुर में 'चमकी बुखार' यानी एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम से करीब 150 से ज्यादा मासूमों की मौत हो गई है। मौत का सिलसिला अभी भी नहीं थम रहा है। सत्ता से लेकर विपक्ष तक इस मुद्दे पर मौन साधी हुई है।;
बिहार के मुजफ्फरपुर में 'चमकी बुखार' यानी एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम से करीब 150 से ज्यादा मासूमों की मौत हो गई है। मौत का सिलसिला अभी भी नहीं थम रहा है। सत्ता से लेकर विपक्ष तक इस मुद्दे पर मौन साधी हुई है। सीएम नीतीश से जब पत्रकार सवाल पूछते हैं तो वे गाड़ी का शीशा बंद करने भाग जाते हैं। वहीं स्वास्थ्य मंत्री भी गैर जरूरी बयान दे रहे हैं। आखिर 2 दशक से बच्चों के मरने का सिलसिला कब थमेगा ?
महज 300 किमी पर जनसभा कर रहे थे पीएम मोदी लेकिन कुछ बोले
पीएम मोदी मुजफ्फरपुर से महज 300 किलोमीटर की दूरी पर योग के कार्यक्रम के बाद राष्ट्र को संबोधित कर रहे थे लेकिन एक बार भी उन्होंने मुजफ्फरपुर में बच्चों की हुई मौत पर नहीं बोले। बता दें कि पीएम मोदी ट्विटर पर हमेशा एक्टिव रहते हैं। देश विदेश की छोटी बड़ी घटनाओं पर वहां जरूर प्रतिक्रिया देते हैं लेकिन चमकी के कहर पर एक बार भी उन्होंने ट्विटर के जरिए कुछ बयां नहीं किया।
सत्तापक्ष के साथ विपक्ष भी मौन
बता दें कि लगातार मीडिया द्वारा सरकार को घेरने के बाद केंद्र व राज्य सरकार ने थोड़ी ऐक्शन दिखाई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से लेकर राज्य सरकार के हाथ-पांव फूल गए हैं। बच्चों की मौत, अस्पताल में बदइंतजामी व इस महामारी को काबू न कर पाने पर सरकार चौतरफा घिर गई है। इसी क्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 8 एडवांस लाइफ सपोर्ट एबुंलेंस मुजफ्फरपुर के लिए रवाना किए। इसके साथ ही डोर टू डोर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
राजद भी मौन, तेजस्वी के पोस्टर लगे
इसी तरह विपक्ष का भी चौतरफा आलोचना किया जा रहा है क्योंकि बिहार में राजद, कांग्रेस, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा व लेफ्ट के नेता इस मुद्दे पर मुखर नहीं दिखे। बिहार में तेजस्वी यादव के पोस्टर लगने लगे। पोस्टर में यह लिखा गया था कि तेजस्वी यादव को जो खोजकर लाएगा उसे 5100 रूपए का नगद इनाम दिया जाएगा, ये लोकसभा चुनाव के बाद से ही लापता हैं।
इसके साथ ही राजद ने फेसबुक पर जनता को ताना मारते हुए एक पोस्ट शेयर किया जिसमें लिखा था कि आपने तो राष्ट्रवाद को वोट दिया था। हिंदू मुसलमान के लिए वोट दिया था। अब आपको आपकी लोकप्रिय सरकार वही दे रही है।
150 बच्चों की मौत के बाद कन्हैया पहुंचे अस्पताल, लोगों ने घेरा
विपक्ष पर चौतरफा सवाल उठने के बाद बेगूसराय से चुनाव लड़ने वाले लेफ्ट के क्रांतिकारी नेता कहे जाने वाले कन्हैया कुमार जागे। जागे तब जब 150 से ज्यादा मासूमों ने चमकी बुखार से दम तोड़ दिया। वे आज एसकेएमसीएच अस्पताल मरिजों के हालात का जायजा लेने पहुंचे। इस दौरान उनके साथ करीब 200 कार्यकर्ता मौजूद थे। जिन्होंने अस्पताल पहुंचते ही उन्हें माला फूल पहनाकर स्वागत किया।
इस दौरान कन्हैया कुमार को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। लोगों ने कन्हैया से पूछा कि इतने दिनों कहां थे? राजनीति की रोटी सेंकने आ गए? हालांकि इसके बाद खुद कन्हैया कुमार ज्ञान देते हुए नजर आए, उन्होंने कहा कि ये वक्त राजनीतिक रोटी सेंकने का नहीं ये वक्त है प्रार्थना करने का।
लोगों ने पूछा- 200 कार्यकर्ताओं के साथ रैली करने आए हो?
वहीं अस्पताल में मरिजों के परिजनों का कहना है कि अगर कन्हैया कुमार को वास्तव में मरिजों व उनके परिजनों का हाल लेने आना था तो वे दो या चार लोगों के साथ भी आ सकते थे। वे यहां 200 की संख्या में आए इससे साफ जाहिर होता है कि वे राजनीति करने के इरादे से यहां आए थे। साथ ही लोगों ने यह भी पूछा कि रैली करने आएं हैं क्या?
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