नागरिकता संशोधन बिल पर जदयू के खिलाफ प्रशांत किशोर, ट्वीट कर कहीं ये बात
नागरिकता संशोधन बिल को लेकर जदयू राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर अपनी ही पार्टी जदयू के खिलाफ ट्वीट कर कहा कि न्यायपालिका के अलावा अब 16 गैर बीजेपी मुख्यमंत्रियों पर भारत की आत्मा को बचाने की जिम्मेदारी है। क्योंकि ये ऐसे राज्य हैं जहां इसे लागू करना है।;
नागरिकता संशोधन बिल को लेकर जदयू राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर अपनी ही पार्टी के खिलाफ जाकर लगातार ट्वीट कर रहे है। उन्होनें ट्वीट के जरिए अपनी नराजगी जायर करते हुए कहा बहुमत से संसद में नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Ammendment Bill) पास हो गया। न्यायपालिका के अलावा अब 16 गैर बीजेपी मुख्यमंत्रियों पर भारत की आत्मा को बचाने की जिम्मेदारी है, क्योंकि ये ऐसे राज्य हैं जहां इसे लागू करना है। तीन मुख्यमंत्री (पंजाब, केरल और पश्चिम) ने CAB और NRC को नकार दिया है और अब दूसरे गैर-बीजेपी राज्य के सीएम को अपना रूख स्पष्ट करने का समय आ गया है।
The majority prevailed in Parliament. Now beyond judiciary, the task of saving the soul of India is on 16 Non-BJP CMs as it is the states who have to operationalise these acts.
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 13, 2019
3 CMs (Punjab/Kerala/WB) have said NO to #CAB and #NRC. Time for others to make their stand clear.
वहीं प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने ट्वीट पर कहा कि अगर उनके विचार अलग हैं तो उन्हें पार्टी फोरम में अपनी बात रखनी चाहिए। इस तरह से ट्वीट कर सार्वजनिक रूप से पार्टी के स्टैंड के खिलाफ ना जाएं। लेकिन, इस बिल को लेकर प्रशांत किशोर मुखर हैं और उनकी बगावत सामने है।
बता दें कि संसद में जदयू के नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Ammendment Bill) पर अपनी सहमति देने के बाद प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर निराशा जाहिर करते हुए अपनी राय रखी थी और कहा था कि यह बिल नागरिकों के नागरिकता के अधिकार से धर्म के आाधार पर भेदभाव करता है। उन्होंने धर्मनिरपेक्षता और गांधी जी के सिद्धांतों को ले जेडीयू की प्रतिबद्धता का भी जिक्र किया था।
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