Fact Check : भारत सरकार फोन में पहले से इंस्टॉल ऐप्स पर लेगी एक्शन, जानिए दावे की सच्चाई

सोशल मीडिया पर एक खबर का स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है। जिसमें यह दावा किया जा रहा है कि भारत स्मार्टफोन के लिए नए सुरक्षा परीक्षण की योजना बना रहा है और पहले से इंस्टॉल किए ऐप्स पर कार्रवाई करेगा।;

Update: 2023-03-16 05:14 GMT

Fact Check : सोशल मीडिया पर कई चीजें वायरल होती है, जिनमें से कुछ सही तो कुछ झूठ फैलाती हैं। इसके साथ ही कुछ खबरें वहां ऐसी भी होती हैं जो लोगों के बीच भ्रम फैलने का काम करती हैं। अब ऐसी ही रॉयटर्स की एक रिपोर्ट सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रही है। उसमें यह दावा किया जा रहा है कि भारत स्मार्टफोन के लिए नए सुरक्षा परीक्षण की योजना बना रहा है और पहले से इंस्टॉल किए हुए ऐप्स पर कार्रवाई करेगा। अब PIB फैक्ट चेक ने इस खबर की जांच की है। उन्होंने इस दावे की सच्चाई लोगों के सामने लाकर रख दी है। चलिए जानते हैं वायरल हो रहे इस दावे का सच आखिर क्या है।

क्या है पूरा मामला

दरअसल, सोशल मीडिया पर रॉयटर्स न्यूज का एक स्क्रीनशॉट तेजी से वायरल हो रहा है। उसकी हेडलाइन में लिखा है कि एक्सक्लूसिव भारत स्मार्टफोन के लिए नए सुरक्षा परीक्षण की योजना बना रहा है। पहले से इंस्टॉल किए गए ऐप्स पर कार्रवाई करेगा। इसके अलावा, इस खबर में लिखा है कि भारत चाहता है फोन निर्माता प्री-इंस्टॉल्ड ऐप्स को हटाने की अनुमति दें। साथ ही प्रमुख ऑपरेटिंग सिस्टम अपडेट्स की स्क्रीनिंग को अनिवार्य करे। खबर में आगे लिखा है कि ऐप्स से डेटा के संभावित दुरुपयोग को लेकर भारत सरकार चिंतित है।

पड़ताल

इस खबर पर एक ट्वीट करते हुए केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने रॉयटर्स न्यूज का लिंक शेयर किया है और कैप्शन में लिखा है कि यह कहानी पूरी तरह से गलत है। जैसा कि कहानी से पता चलता है, कोई सुरक्षा परीक्षण या क्रैकडाउन नहीं है। कहानी शायद समझ की कमी और असीमित रचनात्मक कल्पना पर आधारित है जो BIS मानक IS17737 भाग-3 2021 के मोबाइल सुरक्षा दिशानिर्देशों पर मंत्रालय और उद्योग के बीच चल रही परामर्श प्रक्रिया पर आधारित है। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालयईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए 100% प्रतिबद्ध है। 2026 तक 300 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने के लिए बढ़ते इलेक्ट्रॉनिक्स एमएफजी पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित किया गया है।

इसके साथ ही अब PIB फैक्ट चेक ने राजीव चंद्रशेखर के ट्वीट को कोट करते हुए लिखा कि यह रिपोर्ट पूरी तरह से भ्रामक है। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बताया मोबाइल सुरक्षा दिशानिर्देशों पर चल रहे परामर्श को गलत तरीके से पेश किया गया है।

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