इस वजह से कुख्यात नक्सली कुंदन पाहन को कोर्ट ने किया बरी

नामकुम मुठभेड़ केस के आरोपी नक्सली कमांडर कुंदन पाहन को रांची की एक अदालत ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया है।;

Update: 2019-05-04 08:44 GMT

नामकुम मुठभेड़ केस के आरोपी नक्सली कमांडर कुंदन पाहन को रांची की एक अदालत ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया है। रांची जिला न्यायालय के जज एसके सिंह की अदालत ने वर्ष 2009 में हुई एक मुठभेड़ में कुख्यात नक्सली कमांडर कुंदन को दोषी नहीं पाया।

बता दें कि 2009 में नामकुम थाना क्षेत्र के लाली गांव में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इसमें कई पुलिसकर्मी और नक्सली घायल हुए थे। मुठभेड़ को लेकर पुलिस ने केस दर्ज कर कुंदन पाहन समेत सात लोगों को आरोपी बनाया था। उनमें से कुंदन पाहन को छोड़ सभी अभियुक्त साक्ष्य के अभाव में पहले ही बरी हो गए। अब कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में कुंदन पाहन को बरी कर दिया है। इस घटना में एक इंसपेक्टर की मौत हो गई थी।

कुख्यात नक्सली कुंदन ने डीएसपी, इंस्पेक्टर और कई पुलिसकर्मियों की हत्या समेत 128 मामलों का आरोपी है। कुंदन पुलिस के सामने समर्पण करते हुए कहा था कि अब उसका नक्सलवाद से भरोसा उठ गया है, मैनेें पिछले 20 सालों का दुरुपयोग किया है। इसके साथ ही उसने कहा था कि आज के माओवादी अपनी विचारधारा बदल दिए हैं। उसने यह भी कहा था कि उसने अतीत में जो भी किया उसका उसे पछतावा है, अब वह हिंसा नहीं करेगा। फिलहाल कुंदन जेल में बंद है।  


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