बिहार विधानसभा में पास हुआ आरक्षण बिल, जानें किसे कितना लाभ मिलेगा

बिहार विधानसभा में आरक्षण संशोधन विधेयक गुरुवार को सर्वसम्मति से पारित हो गया। राज्य में पेश की गई जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट की मानें तो, बिहार में एक तिहाई से ज्यादा परिवार प्रतिदिन 200 रुपये या उससे कम की आय पर गुजारा कर रहे हैं, जबकि समान कमाई पर जीवन यापन करने वाले एससी-एसटी परिवारों की संख्या लगभग 43 प्रतिशत है।;

Update: 2023-11-09 09:45 GMT

Bihar Reservation bill: बिहार विधानसभा में आरक्षण संशोधन विधेयक गुरुवार को सर्वसम्मति से पास हो गया है। बिहार कैबिनेट ने एससी, एसटी, अन्य पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) के लिए कोटा मौजूदा 50 प्रतिशत से बढ़ाकर कुल 75 प्रतिशत कर दिया गया है। 

जानकारी के मुताबिक,  बिहार में अभी आरक्षण की सीमा 50% है और EWS को 10% आरक्षण इससे अलग मिलता था। अब नीतीश सरकार का प्रस्ताव पास होने पर 50% की सीमा टूट गई है। बिहार में अब कुल 65 फीसदी आरक्षण मिलने लगेगा। इसके अलावा EWS का 10% आरक्षण अलग रहेगा। 

जानें किसे कितना लाभ मिलेगा

सर्वेक्षण के निष्कर्षों के आधार पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने ओबीसी और ईबीएस के आरक्षण को 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 43 प्रतिशत कर दिया है। इसके अलावा अनुसूचित जाति (SC) के लिए 16 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है। वहीं ईडब्ल्यूएस के लिए कोटा मौजूदा 10 फीसदी ही रहेगा।

बिहार में कुल में कितने है ओबीसी 

जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट से पता चला है कि बिहार की कुल आबादी 13.07 करोड़ में ओबीसी (27.13 प्रतिशत) और अत्यंत पिछड़ा वर्ग उप-समूह (36 प्रतिशत) की हिस्सेदारी 63 प्रतिशत है, जबकि एससी और एसटी कुल मिलाकर 21 प्रतिशत से ज्यादा है। 

94 लाख से ज्यादा लोगों को मिल रही कम मासिक आय

संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने विधानसभा में जो रिपोर्ट पेश की है। उसके अनुसार, बिहार में लगभग 2.97 करोड़ परिवार हैं, जिनमें से 94 लाख से ज्यादा (34.13 प्रतिशत) 6 हजार रुपये या उससे कम मासिक आय पर रहते हैं।


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