बेबी को मिल्क पाउडर देने से पहले इन खास बातों का रखें ध्यान, अनदेखी पड़ेगी भारी
बेबी मिल्क पाउडर और मिल्क पाउडर में अंतर है। पढ़िये इन दोनों के बीच का अंतर...;
एक छोटे बच्चे के लिए मां के दूध से अधिक कुछ नहीं है, लेकिन आजकल मार्केट में कई तरह के मिल्क पाउडर भी उपलब्ध हैं। मिल्क पाउडर को बच्चों की उम्र को ध्यान में रखते तैयार किया जाता है। वर्तमान समय में माएं आपने बच्चों को ब्रेस्टमिल्क के अलावा बजार में मिलने वाले मिल्क पाउडर का भी उपयोग कर रही हैं। आम तौर पर कई अलग–अलग तरह के मिल्क पाउडर का इस्तेमाल करती हैं। इसके पीछे कई वजह हैं, कुछ मदर्स को दूध की कमी होने के वजह से भी मार्केट में मिलने वाले मिल्क का उपयोग करती हैं। इस मिल्क पाउडर के बहुत से लाभ और कुछ हानिय़ां भी हैं। पढ़िये इनके बारे में...
पाउडर मिल्क के लाभ
- जब मां अपने बच्चों को ब्रेस्ट मिल्क सही से नही करा पाती है, तब मिल्क पाउडर बेबी की जरूरतों को पूरा करने में सहायता करता है।
- कई बार यात्रा या फिर बीमारी के दौरान मां को ब्रेस्टफीड कराने कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उस समय मिल्क पाउडर लाभदायक होता है।
- कई मां को स्तनपान कराते समय दर्द होता है तो वे ब्रेस्टफीड सही से नहीं करा पाती हैं। लेकिन, ऐसी स्थिति में मिल्क पाउडर लाभदायक होता है।
- मिल्क पाउडर का सेवन कराना उस स्थिति में लाभदायक है, जब मां बीमार हो। दरअसल, मां के बीमार होने पर स्तनपान कराते समय शिशु पर भी आंशिक असर पड़ सकता है।
मिल्क पाउडर के नुकसान
- ब्रेस्टफीड के जितना एक बेबी को पौष्टिक आहार देता है, उतना मिल्क पाउडर से नहीं मिलता है।
- जब मां आपने बेबी को ब्रेस्टफीड कराती है, तो बेबी के लिए यह पाचन की क्रिया के लिए सहायक होता है। मिल्क पाउडर बेबी के लिए यह क्रिया सरल नहीं होती है।
- मिल्क पाउडर को बनाने एवं खरीदने में अधिक खर्चा भी आता है।
- ब्रेस्टफीड कराने से मां और बेबी बीच एक अच्छा लगाव जल्दी बन जाता है, लेकिन मिल्क पाउडर को फीड करते समय ऐसा नहीं होता।