कोरोना: एंबुलेंस, ऑक्सीजन के बदले मनमाना धन वसूल रहे निर्दयी, मरीजों के परिजन बेहाल

कोरोना महामारी के बीच राजधानी पटना में बिहार की विभिन्न जगहों से ईलाज कराने के लिए लोग पहुंच रहे हैं। लेकिन यहां ऐसे लोगों की भी कमी नहीं जो आपदा को मौके में बदलने का प्रयास नहीं कर रहे हों। कोरोना काल में एंबुलेंस समेत विभिन्न जरूरी चीजों के लिए मनमानी वसूली का खेल जारी है।;

Update: 2021-04-22 10:53 GMT

पटना (Patna) में बिहार (Bihar) के तमाम हिस्सों से लोग कोरोना काल (Corona era) में ईलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं। एक ओर तो पटना वासियों (Residents of Patna) समेत यहां आने वाले लोगों की पहले से ही कोरोना वायरस (Corona virus) ने कमर तोड़ रखी है। इसके बाद भी राजधानी पटना में ऐसे लोगों की कमी नहीं है। जो इस आपदा को मौके में बदलने का प्रयास नहीं कर रहे हों। पटना में जरूरतमंद लोगों से एंबुलेंस और ऑक्सीजन (Ambulance and oxygen) समेत विभिन्न आवश्यक चीजों के लिए मनमाने ढंग से रुपये वसूलने का खेल जारी है। पटना के अलावा बिहार के अन्य कई जिलों से भी इस तरह की खबर सामने आ रही हैं।

पटना के पीएमसीएच के बारे में बात की जाए तो वहां पर पहले एंबुलेंस चालक लोकल किराया 800 से 1000 रुपये तक लेते थे, लेकिन कोरोना काल में रेट बढ़कर 7 से 8000 तक जा पहुंचे हैं। लोगाें का आरोप है कि आपदा को अवसर में बदलने वाले इन एंबुलेंस ड्राइवरों ने अपना एक यूनियन बना रखा है।

जानकारी के अनुसार, इस यूनियन से संबंधित एंबुलेंस चालकों को छोड़कर अन्य कोई एंबुलेंस चालक पीएमसीएच परिसर में दाखिल नहीं हो पाता हैं। स्थिति ये है कि पीएमसीएच परिसर में उपस्थित एंबुलेंस ड्राइवर मरीजों की स्थिति और पारिवारिक हालत के हिसाब से मनमाना किराया तय करते हैं। सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि फिक्स रेट तय नहीं होने की वजह से मरीज के परिजनों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। यह बात केवल एंबुलेंस तक ही सीमित नहीं है। ऑक्सीजन सिलेंडर के भी ऐसे ही हाल हैं। 

एक ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए मांग जा रहे 25 हजार रुपये

पाटलिपुत्र सर्राफा संघ के अध्यक्ष विनोद कुमार अग्रवाल ने स्थानीय पत्रकारों को बताया कि पटना में एक ऑक्सीजन सिलेंडर की कीमत जो करीब 6 से 7000 रुपये होनी चाहिए थी। वहीं इन दिनों में  25 हजार रुपये तक हो गई है। पहले से कोरोना कि मार झेल रहे राजधानी वासियों को इस कालाबाजारी ने तबाह करके रख दिया है। प्रशासन को देखना होगा कि कालाबाजारी और मनमानी वसूली करने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाए।

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