जनसंख्या नियंत्रण पर नीतीश से सहमत नहीं उनकी डिप्टी सीएम रेणु देवी, बोलीं- पुरुषों से कराएं ये काम

बिहार में भी अब जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे पर बहस छिड़ गई है। सीएम नीतीश कुमार ने इसके लिए जहां महिलाओं को शिक्षित करने को लेकर जोर दिया है। वहीं उनकी डिप्टी सीएम रेणु देवी ने कुछ और ही बात कही है।;

Update: 2021-07-13 07:44 GMT

यूपी (UP) में पापुलेशन कंट्रोल (population control) को लेकर रविवार को सीएम योगी आदित्‍यनाथ (CM Yogi Adityanath) द्वारा नई जनसंख्या नीति का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गय है। इसके बाद इस मसले पर बिहार (Bihar) में भी बहस छिड़ गई है। यूपी में जनसंख्‍या नीति (population policy) लागू पर सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की प्रतिक्रिया भी सामने आई। जिसमें सीएम नीतीश ने जनसंख्‍या नियंत्रण के लिए कानून को गैरजरूरी करार दिया है। साथ ही इसके लिए महिलाओं को शिक्षित बनाए जाने की बात पर जोर दिया है।

दूसरी ओर बिहार की डिप्टी सीएम रेणु देवी (Deputy CM Renu Devi) ने सोमवार को जनसंख्या नियंत्रण पर कुछ ही समय में दो अलग-अलग राय दीं। पहली राय में डिप्टी सीएम रेणु ने कहा कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने जनसंख्या नीति की घोषणा करके सराहनीय कार्य किया है। क्योंकि उत्तर प्रदेश की तुलना में बिहार की प्रजनन दर ज्यादा है। इस वजह से उत्तर प्रदेश की ही तरह बिहार में भी पाॅपुलेशन कंट्रोल को लेकर कानून बनना चाहिए। लेकिन थोड़ी देर बाद ही डिप्टी सीएम रेणु देवी अपने बयान से पलट गईं। संशोधित बयान में डिप्टी सीएम रेणु देवी ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण को लेकर पुरुषों को जागरूक करना चाहिए। ज्यादातर मामलों में सामने आता है कि पुत्र की चाह में पिता व ससुराल पक्ष के लोग महिला पर ज्यादा बच्‍चे पैदा करने का दबाव बनाते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार देश के सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्यों में जगह रखता है। डिप्टी सीएम ने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्थित राहत शिविरों में भी गर्भनिरोधक गोलियों के वितरण, परिवार नियोजन के उपायों की जानकारी दी जाए। साथ ही सुरक्षित प्रसव के लिए इंतजाम किए जाएं।

रेणु देवी ने कहा कि महिला पर ज्यादा बच्‍चे पैदा करने के दबाव की वजह से परिवार का आकार बढ़ जाता है। पाॅपुलेशन कंट्रोल के लिए जेंडर इक्वलिटी पर भी जागरुकता फैलाने की आवश्यकता है। लोगों को मानना होगा कि बेटा-बेटी एक समान हैं। डिप्‍टी सीएम रेणु देवी ने कहा कि बिहार में अभी भी प्रजनन दर 3.0 है। प्रदेश में खुशहाली हेतु पाॅपुलेशन कंट्रोल होना काफी जरूरी है। उन्‍होंने कहा कि जानकार बताते हैं कि अनियंत्रित जनसंख्या चहुमुखी विकास में अवरोध उत्पन्न करती है। उन्होंने कहा कि पाॅपुलेशन कंट्रोल के लिए राज्य में मातृ व शिशु मृत्यु दर में कमी लाने, साक्षरता दर बढ़ाने, कुपोषण में कमी व परिवार नियोजन के बारे में जागरूकता लाने की जरूरत है। वहीं डिप्टी सीएम ने अपने बयान में जोड़ा कि राज्य में ये सब कार्य हो रहे हैं। इनका रिजल्ट भी अच्छा सामने आया है। लेकिन इनमें अभी और तेजी लाने की जरूरत है।

डिप्टी सीएम ने कहा कि पाॅपुलेशन कंट्रोल के लिए महिलाओं से अधिक पुरुषों को जागरूक करने की आवश्यकता है। पुरुष नसबंदी को लेकर काफी भयभीत नजर आते हैं। बिहार में कई जनपदों में तो नसबंदी की दर केवल एक फीसदी है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए सरकारी अस्‍पतालों में कई सुविधाएं मौजूद हैं। लेकिन इनका लाभ हकीकत में जरूरतमंदों तक तभी पहुंचेगा जब पुरुष जागरूक हो जाएंगे। 

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