Ramcharitmanas Row: बिहार के शिक्षा मंत्री के बिगड़े बोल, रामचरितमानस की तुलना पोटेशियम साइनाइड से की

Ramcharitmanas Row: बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने महाकाव्य की तुलना पोटेशियम साइनाइड से कर दी है। इसके बाद बीजेपी ने भी उन पर पलटवार किया है।;

Update: 2023-09-15 08:21 GMT

Chandrashekhar Controversial Statement: बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर (Chandrashekhar) ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। चंद्रशेखर ने इस बार रामचरितमानस पर बयान दिया है। उन्होंने हिंदी दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम में कहा कि रामायण पर आधारित महाकाव्य रामचरितमानस में कुछ ऐसी सामग्री है, जो पोटेशियम साइनाइड के समान है। इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी ने भी चंद्रशेखर पर पलटवार किया है।

बिहार के शिक्षा मंत्री के बिगड़े बोल

गुरुवार को हिंदी दिवस (Hindi Diwas) मनाने के लिए एक कार्यक्रम के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए चंद्रशेखर ने दावा किया कि रामचरितमानस (Ramcharitmanas) में कई अच्छी चीजें हैं, लेकिन कुछ जहरीली चीजें भी हैं। साथ ही, उन्होंने इस किताब को जातिवाद को बढ़ावा देने वाला भी बताया। बिहार के शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह वैसा ही है, जैसे हम 55 प्रकार के स्वादिष्ट पकवान परोसते हैं और उसमें एक पोटेशियम साइनाइड मिलाते हैं। चंद्रशेखर ने अपनी बात को यहीं पर खत्म नहीं किया, बल्कि उन्होंन यह भी कहा कि इन चीजों का विरोध राम मनोहर लोहिया और नागार्जुन ने भी किया था।

बीजेपी ने चंद्रशेखर को आड़े हाथों लिया

रामचरितमानस पर चंद्रशेखर के विवादित बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें आड़े हाथों लिया है। बीजेपी नेता अरविंद सिंह ने कहा कि चंद्रशेखर खुद एक सोशल साइनाइड (Cyanide) हैं। वह समाज में जहर फैलाने के लिए बेचैन हैं। शिक्षा मंत्री शिक्षा और मानवता के लिए भी साइनाइड हैं। हमला जारी रखते हुए बीजेपी नेता ने कहा कि वह बार-बार रामचरितमानस और सनातन धर्म (Sanatan Dharam) के खिलाफ बयान दे रहे हैं। उन्हें और उनके 9वीं कक्षा पास नेता को सनातन और रामचरितमानस की कोई समझ नहीं है। राजद सामाजिक और राजनीतिक साइनाइड है जो समाज के बीच मतभेद पैदा कर रहा है। बिहार में हर जगह हत्या, लूट, बलात्कार, डकैती, सांप्रदायिक तनाव हो रहा है।

इससे पहले जनवरी में चंद्रशेखर ने रामचरितमानस और मनुस्मृति के खिलाफ बयान दिया था और कहा था कि ये किताबें समाज में नफरत फैलाती हैं। इसके बाद से वह लगातार रामचरितमानस के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं।

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