बिहार विधानमंडल मानसून सत्र: सदन में राजद नेता भाई वीरेन्‍द्र को मांगनी पड़ गई माफी, जानें वजह

बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र के चौथे दिन सदन में राजद नेता भाई वीरेन्‍द्र आसन को बेईमान बताकर बुरी तरह घिर गए। इसके लिए भाई वीरेन्द्र को विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्‍हा से माफी तक मांगनी पड़ गई।;

Update: 2021-07-30 02:28 GMT

कोरोना संक्रमण (corona infection) की वजह से बिहार विधानमंडल का मॉनसून सत्र (Monsoon session of Bihar Legislature) सिर्फ पांच दिनों तक चलने वाला है। यह सत्र शुक्रवार यानी कि 30 जुलाई को समाप्त हो जाएगा। इस सत्र की शुरुआत 26 जुलाई को हुई। जिसके शुरू के तीन दिन तो हंगामे के भेंट चढ़ गए। वैसे इन दिनों में सदन में कुछ विधायी कामकाज भी हुए। वहीं सत्र का चौथे दिन गुरुवार को भी उस वक्त हंगामा हो गया। जिस वक्त राजद के मुख्‍य प्रवक्‍ता भाई वीरेन्‍द्र (RJD Leader Bhai Veerendra) द्वारा आसन यानी कि विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा को बेईमान तक कह दिया। यह शब्द कहने के बाद तो भाई वीरेन्द्र सदन में बुरी तरह से घिर गए। विधानसभा सदन में स्थिति ऐसी बन गई कि इसके लिए राजद विधायक को विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा से माफी तक मांगनी पड़ गई। इसके बाद सदन में हंगामा शांत हो सका।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राजद एमएलए भाई वीरेंद्र (RJD MLA brother Virendra) द्वारा विधानसभा स्पीकर विजय सिन्हा (Assembly Speaker Vijay Sinha) पर सदन चलाने में बेईमानी बरतने का आरोप लगा दिया गया। इस पर स्पीकर विजय सिन्हा ने भाई वीरेन्द्र से यह शब्द वापस लेने की बात कही। लेकिन राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने तर्क दिया कि उन्होंने किसी तरह की गलत बात नहीं कही है।

वहीं इस मामले पर मंत्री प्रमोद ने कड़ी आपत्ति जाहिर की। साथ ही विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्‍हा की कड़ी नाराजगी व सदन के दबाव के चलते राजद विधायक भाई वीरेंद्र को अपने शब्द वापस लेना पड़ा। साथ ही राजद विधायक ने विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्‍हा से माफी भी मांगी। यह करने के बाद भी विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्‍हा का नाराजगी दूर नहीं हुई।

इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने मामले में हस्तक्षेप किया। साथ ही संसदीय कार्यमंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष से उन्हें माफ करने का आग्रह किया। इसपर विधानसभा अध्यक्ष का किसी तरह गुस्‍सा शांत हुआ। उस वक्त विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्‍हा ने यह भी कि वरिष्ठ सदस्य माफी के काबिल नहीं होते हैं। क्योंकि आप जैसे वरिष्‍ठ सदस्‍यों से ही सदन में आए नए लोग प्रेरणा लेते हैं।

इससे पहले विधानसभा में विपक्षी सदस्‍यों ने गुरुवार को बेरोजगारी और महंगाई के मसले पर जमकर हंगामा किया। कोरोना संक्रमण के चलते से हुई मौतों को छिपाने का आरोप लगाकर भी जमकर नारेबाजी गी गई। इस दौरान माले विधायक वेल में चले गए। करीब 16 मिनट बाद संसदीय कार्यमंत्री विजय कुमार चौधरी व विधानसभा अध्यक्ष के निवेदन पर माले सदस्य वेल से अपनी सीट पर वापस लौटकर आए। याद रहे बीते बजट सत्र के दौरान विपक्षी विधायकों के साथ हुई मारपीट के मामले में उचित कार्रवाई कराए जाने की मांग को लेकर विपक्षी सदस्य पहले दिन से ही हमलावर हैं।

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