Caste Census: लालू प्रसाद यादव बोले- जनगणना का बहिष्कार करेंगे पिछड़े, दलितों संग अल्पसंख्यक, तेजस्वी ने भी किया ट्वीट

बिहार की सियासत में जातीय जनगणना का मुद्दा पूरी तरह से गर्म है। अब राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने जातीय जनगणना को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ निशाना साधा है।;

Update: 2021-08-11 12:55 GMT

बिहार (Bihar) में जातीय जनगणना (caste census) को कराए जाने की मांग को लेकर बीते काफी दिनों से सियासत (Bihar Politics) गर्म है। क्योंकि सांसद में बीती 20 जुलाई को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय (Union Minister of State for Home Nityanand Rai) कह चुके हैं कि 2021 की जनगणना में केंद्र सरकार (central government) सिर्फ अनुसूचित जाति व जनजाति की ही गणना कराएगी। इसके बाद से ही बिहार की सियासत में जातीय जनगणना का मुद्दा ठंडा होने का नाम ही नहीं ले रहा है।

वही अब जातीय जनगणना के मुद्दे पर सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के साथ पूर्व सीएम एंव राजद प्रमुख लालू यादव (RJD chief Lalu Yadav) भी साथ नजर आ रहे हैं। वहीं मुद्दे पर बिहार में भाजपा (BJP) अकेली नजर आ रही है। क्योंकि बिहार की एनडीए सरकार में शामिल मुकेश सहनी और जीतन राम मांझी की पार्टी भी जातीय जनगणना के मुद्दे पर नीतीश कुमार के साथ ही हैं।

वहीं बुधवार को राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने जातीय जनगणना को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ ट्वीट कर जोरदार निशाना साधा है। इनसे पहले जातीय जनगणना के मुद्दे को लेकर एक ट्वीट तेजस्वी यादव ने भी किया था। बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव ने अपने ट्वीट में लिखा कि यदि 2021 की जनगणना में जाति आधारित जनगणना नहीं होगी। तो बिहार के साथ-साथ देश के तमाम पिछड़े, अतिपिछड़ों के साथ-साथ दलित और अल्पसंख्यक भी जनगणना का बहिष्कार कर सकते हैं। वहीं लालू यादव ने केंद्र सरकार के खिलाफ निशाना साधते हुए लिखा कि जनगणना के जिन आंकड़ों से देश की बहुसंख्यक आबादी का लाभ नहीं होता हो तो फिर जानवरों की गणना वाले आंकड़ों का क्या हम अचार डालेंगे?

देश के संसाधनों पर कुंडली मारकर बैठे हुए हैं चंद मुट्ठी भर लोग: तेजस्वी यादव

वहीं तेजस्वी यादव ने जातीय जनगणना को लेकर किए ट्वीट में लिखा कि पिछड़ा और अतिपिछड़ा विरोधी केंद्र की मोदी सरकार देश की पिछड़ी-अतिपिछड़ी जातियों की गणना कराने से क्यों डर रही है? क्या इसलिए कि हज़ारों पिछड़ी जातियों की जनगणना से यह पता चल जाएगा कि कैसे चंद मुट्ठी भर लोग युगों से सत्ता प्रतिष्ठानों और देश के संस्थानों व संसाधनों पर कुंडली मारकर बैठे हुए हैं?

तेजस्वी ने अपने पूर्व ट्वीट को भी एक बार फिर से जारी किया जिसमें लिखा गया कि जातिगत जनगणना करवाने की मांग उपेक्षित, गरीब और वंचित समाज के उत्थान के लिए एक अति जरूरी सकारात्मक और प्रगतिशील कदम है। सभी जानते हैं कि कि देश में सामाजिक आर्थिक रूप से सबसे पिछड़े ओबीसी (OBC), एसटी (SC), एसटी (ST) और ईडब्लूएस (EWS) हैं। यदि सभी की संख्या की सही जानकारी नहीं होगी तो उनके उत्थान के लिए प्रयास कैसे होंगे?

Tags:    

Similar News