लड़कियों से हो रही छेड़छाड़ पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश लागू कराएं, हाईकोर्ट में याचिका दायर
बिहार में स्कूली की छात्राओं और महिलाओं के साथ आए दिनों हो रही छेड़छाड़ समेत अन्य आपराधिक वारदातों पर लगाम कसे जाने के लिए पटना हाईकोर्ट में लोकहित याचिका दायर हुई है। उच्च न्यायालय में याचिका को अधिवक्ता ओम प्रकाश ने दायर किया है।;
बिहार (Bihar) में युवतियों (Girls), महिलाओं (Women) समेत स्कूल, कॉलेज की छात्राओं के साथ छेड़खानी (School, college girls Eve Teasing) की घटनाएं बढ़ रही हैं। जो चिंता का विषय है। इन्हीं छेड़खानी की घटनाओं (Flirting events) से चिंतित अधिवक्ता ओम प्रकाश ने (Advocate Om Prakash) ई फाइलिंग के जरिए पटना उच्च न्यायालय (Patna High Court) में लोकहित याचिका दायर की है। जिसमें उन्होंने बिहार में गर्ल स्टूडेंट (Girl student) और महिलाओं के साथ होने वाली छेड़छाड़ की घटनाओं पर लगाम लगाए जाने की गुहार लगाई है। साथ ही उन्होंने इस पर नकेल कसने के लिए कड़ी कार्रवाई किए जाने और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के आलोक में नीति बनाए जाने की मांग उठाई है।
पटना हाईकोर्ट में दायर लोकहित याचिका में अधिवक्ता ओम प्रकाश ने बताया कि साल 2013 में सर्वोच्च अदालत ने छात्राओं और महिलाओं को छेड़खानी की घटनाओं से बचाने के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए थे। लेकिन बिहार सरकार की ओर से सूबे में सुप्रीम कोर्ट के उन दिशा-निर्देशों को आज तक लागू नहीं किया गया है। सर्वोच्च अदालत के आदेश को सूबे में बिहार सरकार को लागू करना अनिवार्य है। सर्वोच्च अदालत के आदेश के अनुसार राज्य में लड़कियों के छात्रावास, शिक्षण संस्थान, बाजार, कार्यरत महिला हॉस्टल, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, पार्कों, सिनेमा हॉल, एयरपोर्ट के आसपास, सार्वजनिक परिवहन, रेलवे स्टेशन, धार्मिक स्थल से जुड़ी जगहों समेत ऐसे सभी स्थानों पर जहां महिलाओं का आना जाना होता है, ऐसे सभी स्थानों पर महिला पुलिस बल की टीम की तैनाती करने का आदेश दिया गया है।
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं और लड़कियों पर होने वाले तमाम तरह की क्रमिनल वारदातों पर जल्द कार्रवाई कराने के लिए प्रत्येक जिला में फास्ट ट्रैक वीमेंस फ्रेंडली कोर्ट के गठन करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश में महिलाओं पर हो रहे अपराध पर लगाम कसे जाने के लिए ब्राउसर, पंफलेट, बुकलेट, होर्डिंग के अलावा इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के माध्यम से प्रचार प्रसार करना शामिल है। पटना हाईकोर्ट में दायर अधिवक्ता ओम प्रकाश की इस लोकहित याचिका में बिहार के गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक और सभी जिलों के एसएसपी-एसपी को प्रतिवादी बनाया गया है।