सुशील मोदी का कनाडाई पीएम पर हमला, बोले- कृषि कानून से बिहार के संतुष्ट किसानों को उकसा रहे ये सभी
किसान विरोध प्रदर्शन: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि केंद्र के कृषि कानून से बिहार के किसान संतुष्ट हैं। इसलिए राज्य में सत्ता विरोधी लहर नाकाम रही। सुशील मोदी ने कहा कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूदो ने घरेलू राजनीति चमकाने के लिए दिल्ली में जारी किसान आंदोलन का समर्थन किया है।;
Farmer Protests: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम एवं भाजपा नेता सुशील मोदी किसान विरोध प्रदर्शन को लेकर लगातार विरोधियों पर निशाना साध रहे हैं। अब सुशील मोदी ने रविवार को एक के बाद एक ट्वीट की कांग्रेस समेत अन्य विरोधियों पर निशाना साधा है।
भाजपा नेता सुशील मोदी ने लिखा कि जिन लोगों ने ना किसानों के लिए कोई काम किया है। ना बाढ़ सहायता दी और ना ही उन्होंने बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत सामग्री बांटी है। आज वे किसानों को गुमराह करने के लिए धरना-प्रदर्शन-बंद जैसे उपाय से केवल चुनावी पराजय की अपनी झेंप मिटा रहे हैं।
सुशील मोदी ने बताया कि राज्य की एनडीए सरकार ने ही पहली बार कृषि रोड मैप लागू किया। केंद्र के कृषि कानून से बिहार के किसान संतुष्ट हैं। इसलिए राज्य में सत्ता विरोधी लहर नाकाम रही और बिहार में एनडीए एक बार फिर से सरकार बनाने में कामयाब रही।
भाजपा नेता सुशील मोदी ने बताया कि उत्तर बिहार के दर्जन भर जिलों में प्राय: हर साल किसान बाढ़ से पीडित होते हैं। इसलिए एनडीए सरकार ने किसान सम्मान निधि के अलावा 6 हजार रुपये की बाढ़ सहायता भी सीधे उनके खाते में भेजी है।
भाजपा नेता सुशील मोदी ने इस दौरान कांग्रेस व किसान नेताओं के खिलाफ भी निशाना साधा है। सुशील मोदी ने कहा कि कांग्रेस या किसी किसान नेता ने अब तक हमारे आंतरिक मामलों में कनाडा के हस्तक्षेप की निंदा क्यों नहीं की? दूसरी ओर कनाडा विश्व व्यापार संगठन के फोरम पर भारत में किसानों को एमएसपी व अन्य सहायताएं देने का सबसे मुखर आलोचक है। कनाडा का दोहरा चरित्र जाहिर करता है कि किसान आंदोलन के पीछे कैसी-कैसी ताकतें काम कर रही हैं।
भाजपा नेता सुशील मोदी ने कहा कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूदो ने घरेलू राजनीति चमकाने के लिए दिल्ली में जारी किसान आंदोलन का समर्थन कर राजनयिक मर्यादा का हनन किया। भारत ने इस पर कड़ा प्रतिवाद भी किया।
इस दौरान सुशील मोदी ने कृषि कानून संबंधी जानकारियां भी दी। सुशील मोदी ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि एमएसपी, मंडी व्यवस्था की मजबूती और ठेका खेती में विवाद की स्थिति में सीधे कोर्ट जाने की अनुमति जैसे कई मुद्दों पर कानून में संशोधन की पेशकश के बावजूद किसान नेता केवल तीनों कानून को रद करने की जिद पर अडे हैं।
सुशील मोदी ने बताया कि केंद्र सरकार तीन कल्याणकारी कृषि कानून लागू करने के बाद विपक्षी दलों की ओर से पैदा की गई कल्पित आशंकाओं व दुष्प्रचारों का लगातार पूरी जिम्मेदारी के साथ निराकरण करती रही है। इसके बावजूद पंजाब-हरियाणा को उकसा कर टकराव की स्थिति पैदा करना दिल्ली की जनता के साथ एक संगठित अन्याय है।