बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस में देखने को मिल सकता है बदलाव!

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस में उलटफेर देखने को मिल सकता है। कई जिलों, प्रखंडों में नए अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ प्रदेश कार्यकारिणी में भी फेरबदल होने की चर्चा है। हालांकि यह कार्य इस माह के अंत में होना था पर कोरोना वायरस और प्रदेश में फिर से लगे लॉकडाउन के कारण मामला अभी लटका हुआ है।;

Update: 2020-07-25 12:33 GMT

कांग्रेस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इसी माह बिहार दौरे पर आए पार्टी के बिहार प्रभारी और राज्यसभा सांसद शक्ति सिंह गोहिल के सामने कुछ वरिष्ठ नेताओं ने संगठन में कुछ नेताओं की मनमानी व भाई-भतीजावाद की शिकायत की थी। वरिष्ठ नेताओं ने चार कार्यकारी अध्यक्ष की व्यवस्था पर भी सवाल उठाया था।

पार्टी नेताओं का एक गुट ऐसा भी है, जो प्रदेश नेतृत्व को बदलने की मांग लगातार करता रहा है। वरिष्ठ नेताओं के संगठन में बदलाव के दबाव को देखते हुए शक्ति सिंह गोहिल ने आश्वासन दिया था कि इस माह के अंत तक प्रभारी सचिव वीरेंद्र सिंह राठौर व अजय कपूर की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक कर ठोस कदम उठाए जाएंगे।

जुलाई माह समाप्त होने वाला है पर संगठन में बदलाव के कोई संकेत नहीं। ऐसे में नाराज कांग्रेसियों के बीच गुपचुप चर्चाएं शुरू हो गई हैं। अध्यक्ष पद को लेकर उठाए जा रहे सवाल पर डॉक्टर मदन मोहन झा कहते हैं कि मेरा मानना है कि राजनीति में महत्वाकांक्षा रखने का कोई मतलब नहीं। पार्टी आलाकमान के हर आदेश का ईमानदारी से पालन होगा। मैंने किसी का आज तक कोई विरोध नहीं किया। मैं हमेशा लोगों को जोड़कर चलने में भरोसा रखता हूं। उन्होंने कहा कि जिला-प्रखंड को लेकर भी कुछ लोगों ने बिहार प्रभारी से मुलाकात की थी। गाहिल ने फेरबदल के आश्वासन दिए हैं। ऐसे ही दूसरे कई निर्णय लॉकडाउन की वजह से प्रभावित हैं। चर्चा है कि लॉकडाउन समाप्त होने पर आलाकमान कोई निर्णय लेगा। 

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