बिजली संकट के बीच बिहार रहेगा रोशन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तैयार की ऐसी योजना

बिजली संकट से पूरा देश जूझ रहा है। इससे निपटने के लिए बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने नई योजना बना ली है। योजना के अनुसार कंपनियों को रोटेशन प्लान को अमल मे लाना होगा। इससे बिहार में बिजली आपूर्ति प्रभावित नहीं होगी। सीएम नीतीश कुमार की इस योजना के बाद बिहार रोशन रहेगा।;

Update: 2021-10-14 06:41 GMT

बिजली क्राइसिस (power crisis) को देखते हुए बिहार (Bihar) के सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने राज्य को रोशन रखने के लिए नई योजना तैयार कर ली है। इस योजना के आधार पर कंपनियों ने रोटेशन प्लान (rotation plan) को अमल ले लिया है। साथ ही कंपनियों ने प्राथमिकता के मुताबिक बिजली आपूर्ति (power supply) देना सुनिश्चित किया है। मुख्यमंत्री नीतीश ने योजना के मुताबिक शहर इलाकों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों को भी कम से कम 15 घंटे बिजली आपूर्ति देने के निर्देश दिए हैं।

कंपनी अधिकारियों की बात मानी जाए तो रोटेशन सिस्टम पूर्व से ही लागू है। जिसके लिए सबसे पूर्व औद्योगिक प्रक्षेत्र को बिजली आपूर्ति की जाएगी। इससे ही औद्योगिक उत्पादन संचालित होता है। फिर बिहार की राजधानी पटना समेत तमाम मुख्य शहरों को बिजली आपूर्ति की जाएगी। वहीं रोटेशन प्लान के अनुसार ही ग्रामीण क्षेत्रों के लिए बिजली की आपूर्ति की जाएगी।

सीएम नीतीश कुमार ने वर्तमान बिजली संकट के बीच लोगों को भरोसा दिया है कि देशभर में उत्पन्न हो रहे इस संकट का असर बिहार पर नहीं पड़ने दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार बिजली क्राइसिस से निपटने हेतु हर जरूरी कदम उठा रही है। बिहार सरकार के एक अफसर के अनुसार बिहार को 6,500 मेगावाट बिजली की आवश्यकता होती थी। वर्तमान में नीतीश सरकार महज 4,700 मेगावाट बिजली ही जुटा पा रही है। वहीं इसमें 3,200 मेगावाट का योगदान केंद्र सरकार से मिल रहा है। वहीं बाकी की 1,500 मेगावाट बिजली बिहार सरकार 20 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से खरीद रही है।

बिहार विद्युत बोर्ड से प्राप्त सूचना के मुताबिक कोयले के स्टॉक में कमी आ गई है। बीएसईबी के एक अफसर का कहना है कि कोयला की कमी व्याप्त हो जाने की वजह से 4 से 8 घंटे बिजली प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावित हो रही है। जानकारी के मुताबिक प्रदेश के भोजपुर, औरंगाबाद, बांका, बक्सर, सारण, जहानाबाद, गोपालगंज, गया व अरवल जैसे जिलों को 20 से 30 प्रतिशत कम बिजली आपूर्ति हो रही है। केंद्र की ओर से बिजली आपूर्ति में करीब 20 प्रतिशत की कटौती के बाद बिहार के कई जिलों ऐसी हालात बन गए हैं। इसके अलावा उत्तरी बिहार में भी पर्याप्त बिजली आपूर्ति नहीं हो रही है।

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