कांग्रेसियों का राजभवन के बाहर विरोध मार्च, जासूसी प्रकरण की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कराने की मांग उठाई

पेगासस जासूसी प्रकरण के खिलाफ कांग्रेसियों ने आज पटना में राज्यभवन मार्च निकाला। इस दौरान तमाम पार्टी कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने बिहार राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा।;

Update: 2021-07-22 10:29 GMT

पेगासस जासूसी प्रकरण (Pegasus Detective Case) को लेकर बिहार (Bihar) में भी सियासत गरमा रही है। इसी जासूसी मामले को लेकर बिहार में कांग्रेस कार्यकर्ताओं (Congress workers) ने गुरुवार को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा (Madan Mohan Jha) के नेतृत्व में मोदी सरकार (central government) के खिलाफ राजभवन मार्च (Congress Raj Bhavan march) निकाला। इस दौरान पार्टी कार्यकर्ता जासूसी प्रकरण के विरोध में जमकर प्रदर्शन कर रह थे। पटना (Patna) में निकले इस राजभवन मार्च के दौरान काफी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे। राजभवन मार्च के लिए निकले इन कांग्रेसी नेताओं को पुलिस (Police) ने पटना में राजभवन पहुंचने से पहले ही रोक लिया। कांग्रेस की ओर से पहले से तय कार्यक्रम के मद्देनजर राजभवन मार्च आयोजित किया था। इसके लिए पटना में कांग्रेस पार्टी के काफी कार्यकर्ता जुटे।

पटना में राजभवन के निकट ही पुलिस ने कांग्रेस के इस आक्रोश मार्च को रोक लिया। इस पर कांग्रेसी नेता (Bihar Congress Leader) पुलिस बैरकेटिंग को ही तोड़कर आगे बढ़ने का प्रयास करने लगे। इस दौरान पुलिस को इन कार्यकर्ता के खिलाफ हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ गया। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हल्की हाथापाई होती हुई भी नजर आई।

जासूसी प्रकरण के विरोध में कांग्रेस लगातार गृह मंत्री से इस्तीफे देने की मांग कर रही है। इस दौरान मदन मोहन झा ने कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ जासूसी बिल्कुल सहन नहीं होगी। वर्तमान में देश का लोकतंत्र खतरे में है। वहीं उन्होंने मांग उठाई कि इस मुद्दे को लेकर स्वतंत्र जांच होनी चाहिए।

सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में हो मामले की जांच

विरोध मार्च के बाद बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा के नेतृत्व में कांग्रेस की पांच सदस्यीय टीम ने राजभवन पहुंचकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। इसमें उन्होंने जासूसी मामले में राष्ट्रपति से निष्पक्ष जांच की मांग रखी। कांग्रेस ने बिहार के राज्यपाल महोदय को सौंपे ज्ञापन में जासूसी कांड के लिए सीधे तौर पर प्रधानमंत्री और देश के गृहमंत्री को संलिप्त करार दिया है। साथ कांग्रेस ने जासूसी प्रकरण की सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में जांच कराए जाने की मांग उठाई है।

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