Coronavirus: मनमाने पैसे नहीं मांग सकेंगे एंबुलेंस चालक, सरकारी रेट पर मिलेगी मरीजों को सेवा
बिहार में कोरोना वायरस जमकर कहर बरपा रहा है। इस बीच राजधानी पटना में एंबुलेंस चालकों द्वारा मनमाना पैसा वसूले जाने के संबंध में शिकायतें मिल रही हैं। वहीं इस मामले को पटना जिला प्रशासन ने पूरी गंभीरता से लिया है।;
कोरोना वायरस (Corona virus) की वजह से पूरा बिहार प्रभावित है। वहीं बिहार (Bihar) की राजधानी में एंबुलेंस चालकों (Ambulance drivers) द्वारा कोरोना संक्रमित मरीजों (Corona infected patients) को अस्पताल पहुंचाने या अन्य जगह ले जाने के क्रम में मनमाना धन मांगे जाने की शिकायत मिल रही हैं। पटना (Patna) जिला प्रशासन ने इस मामले को पूरी गंभीरता से लिया है। इसके अलावा पटना जिला प्रशासन (Patna District Administration) की ओर से एंबुलेंस के लिए सरकारी रेट तय किया जा रहा है। दर का निर्धारण होने के बाद एंबुलेंस ड्राइवर उससे अधिक राशि किसी भी मरीज या परिजन से नहीं ले सकते हैं। यदि इसके बाद भी एंबुलेंस ड्राइवर दर से ज्यादा राशि लेते हैं, तो ऐसे एंबुलेंस ड्राइवर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी।
जानकारी के अनुसार शनिवार को जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने दर निर्धारण करने के मसले पर पटना में एंबुलेंस चलाने वाले 19 संचालकों के साथ बैठक की। इस दौरान डीएम ने एंबुलेंस वालों से उनका पक्ष भी जाना। साथ ही डीएम ने संचालकों से एसी, नॉन एसी, ऑक्सीजन युक्त व अन्य प्रकार के एंबुलेंस की उचित दर की जानकारी देने के लिए कहा। इस दर की समीक्षा करने के लिए एक समिति का गठित कर दी गई है। समिति में जिला प्रशासन के एक एडीएम, जिला परिवहन पदाधिकारी व जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को रखा गया है।
बैठक में एंबुलेंस संचालकों डीएम को बताया कि कोरोना महामारी की वजह से एंबुलेंस चालक कहीं भी आने-जाने से भयभीत होते हैं। इसके लिए चालकों को अधिक राशि देनी पड़ती है। इसके साथ ही उन्हें फेस शील्ड, पीपीई किट, मास्क, ग्लब्स भी सुरक्षा को लेकर दिये जाते हैं। मरीजों को जगह पर पहुंचाने के बाद चालक को एंबुलेंस को भी सैनिटाइज करना पड़ता है। इस वजह से कोरोना संक्रमित मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में काफी खर्च होता है।
साथ ही एंबुलेंस में ऑक्सीजन सिलिंडर की जरूरत होती है। इन दिनों में ऑक्सीजन सिलिंडर काफी मुश्किल से और दोगुनी कीमत से मिल पा रहा है। संचालकों ने कहा कि कई बार एक अस्पताल के लिए एंबुलेंस की बुकिंग होती है। पर उस अस्पताल में बेड नहीं मिलने पर कई अस्पतालों का चक्कर लगाने पड़ जाते हैं। इसमें भी खर्च और बढ़ जाता है।