बाढ़ से तबाही : उत्तर बिहार में अलग - अलग जगहों पर 18 लोगों की मौत, मरने वालों में 4 बच्चे शामिल
बिहार में इस समय भारी बारिश और बाढ़ से तबाही मची हुई है। वहीं उत्तर बिहार के अलग-अलगे जिलों में शुक्रवार को बाढ़ के पानी में डूबकर 18 लोगों की मौत हो गई। मुज्जफरपुर में डूबने से चार बच्चों की जान जाने की भी खबर है।;
भारी बारिश, बाढ़ की विभीषिका से बेहाल उत्तर बिहार के अलग-अलगे जिलों में शुक्रवार को डूबने से 18 लोगों की मौत हो गई। मुजफ्फरपुर जिले में डूबने से नौ लोगों की मौत हो गई। इनमें चार बच्चे भी शामिल हैं। आठ के शव बरामद कर लिये गए हैं। एक युवक की तलाश चल रही है। सबसे अधिक मीनापुर में तीन लोगों की डूबने से मौत हुई है। मोतिहारी में चार लोगों व मधुबनी जिले में तीन बच्चियों की डूबने से मौत हो गई। वहीं दरभंगा व सीतामढ़ी में एक-एक महिला की डूबने से मौत हो गई।
उत्तर बिहार के कई जिलों में बांध टूट जाने से भी काफी परेशानी हो रही है। बाढ़ का पानी गांव व घर में घुस जा रहा है। पिछले चार दिनों से हो रही लगातार बारिश से तेजी से पानी रिहाशी इलाकों में बढ़ रहा है। नए इलाकों में तबाही मचनी शुरू हो गई है। एक सप्ताह पूर्व से ही बररी पंचायत का संपर्क प्रखंड मुख्यालय सहित अन्य दूसरे गांव से कटा हुआ है। दर्जनों परिवार विस्थपित हैं। तेजी से बढ़ रहे पानी से कई जगहों पर महराजी बांध क्षतिग्रस्त हो गया है। पाली पंचायत के सौली घाट के वार्ड एक में जाने का रास्ता अवरुद्ध हो गया है। सड़क पर पानी आर-पार बह रहा है। सड़क टूटने की संभावनाएं प्रबल हो गई है।
पाली मझिला टोल एवं सरबनमा मोड़ के निकट महराजी बांध क्षतिग्रस्त हो गया है। टूटे हुए बांध से पानी बहाव को रोकने के लिए स्थानीय लोग मिट्टी से भरी बोरी के से रोकने की पहल कर रहे हैं। एक ग्रामीण ने बताया कि मिट्टी भरा बोरी से क्षतिग्रस्त बांध पर देने का काम किया जा रहा है। रास्ता अवरूद्ध रहने से चानपुरा पश्चिम व धनुषी गांव के लोगों के समक्ष विकट स्थिति बनी है। बजरंगबली मंदिर के निकट बांध पर दवाब बन रहा है। कभी भी टूट सकता है। बांध को बचाने में विभाग और ग्रामीण पूरी तत्परता दिखा रही है। वहीं पाली पंचायत के मझिला टोल में बांध के नीचे सुराग होने से पानी आर पार हो रहा है। वहीं सरबनमा मोड़ पर वर्षा के कारण बांध क्षतिग्रस्त हो गया है। वहीं रजघट्टा से बररी जाने वाली सड़क टूट गई है। रानीपुर में बांध को बचाने के लिए तत्काल करीब एक हजार मिट्टी की बोरी सुरक्षित रखी गई है। इसी तरह पानी का बढ़ना जारी रहा तो रातभर में कई पंचायतें जलमग्न हो जाएंगी।