दिल्ली में रेमडेसिविर उपलब्ध कराने का झांसा देकर लाखों रुपये ठगे, धर दबोचा शातिर साइबर अपराधी

कोरोना महामारी की वजह से जहां देशभर में लोग परेशान हैं। वहीं कोरोना संकट के बीच कुछ लोग अपनी काली करतूतों से बाज नहीं आ रहे हैं। बिहार की राजधानी पटना में बैठकर दिल्ली तक दवाइयों के नाम पर साइबर ठगी को अंजाम दे रहे हैं।;

Update: 2021-05-18 06:25 GMT

कोरोना संकट (Corona crisis) के बीच बिहार समेत पूरे देश में लोग पूरी तरह से दुखी हैं और संकट की घड़ी में दवाइयों समेत अन्य जरूरी मेडिकल उपकरणों की भारी किल्लत हो रही है। इस बीच कुछ लोग आपदा के इस समय को अवसर में बदलने के प्रयास में जुटे हैं और अपनी नापाक साजिशों के दम पर कोरोना मरीज (Corona patient) एवं उनके परिजनों को ठग रहे हैं।

दूसरी ओर कोरोना काल में बिहार की राजधानी पटना (Patna) में बैठकर कुछ लोगों दिल्ली (Delhi) तक में ऑनलाइन ऑक्सीजन (Online oxygen) समेत अन्य दवाइयां उपलब्ध कराने का झांसा देकर ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। वहीं कोरोना संकट के बीच लोगों को ऑक्सीजन और रेमडेसिविर (Ramdesvir) का झांसा देकर चूना लगाने वाले साइबर ठगों के खिलाफ ईओयू की कार्रवाई जारी है। इस बीच राजधानी पटना में बैठकर दिल्ली में कोरोना मरीजों व उनके परिजनों से ठगी करने वाले विजय बेनेडिक्ट को ईओयू की टीम ने अपनी गिरफ्त में लिया है।

जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम को थाना कांड संख्या 114/21 के मामले में पुलिस को विजय बेनेडिक्ट नाम के शातिर साइबर ठग की तलाश थी। दिल्ली में यह केस अप्रैल में दर्ज हुआ था। इस शातिर साइबर ठग (Cyber thugs) ने दिल्ली निवासी कई लोगों से लाखों रुपये की ठगी की थी। दिल्ली पुलिस की कई टीमें ठगी इस तरह के कई मामलों में बिहार से जुड़े साइबर अपराधियों की खोज में इन दिनों पटना, नालंद समेत कई जिलों में छापेमारी कर रही हैं। इस मामलों में ईओयू के अधिकारी दिल्ली पुलिस की मदद कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस की इनपुट पर ईओयू द्वारा विजय बेनेडिक्ट को अरेस्ट किया गया। विजय बेनेडिक्ट पटना के दीघा के आईटीआई रोड स्थित मरियम टोला का रहने वाला है। वह दानापुर के तकिया पर स्थित गौटाल में इन दिनों निवास कर रहा था।

जानकारी के अनुसार पुलिस गिरफ्त में आए आरोपी विजय बेनेडिक्ट का एक बैंक खाता पाटलिपुत्र हार्उंसग कॉलोनी स्थित कोटक महिंद्रा बैंक में है। ईओयू ने विजय के इस खाते की जांच की तो ज्ञात हुआ कि हालिया दिनों में विजय के खाते में 16.60 लाख रुपये मंगाए गए है। पुलिस को शक है कि ये रकम ऑक्सीजन और रेमडेसिवर के नाम पर की गई साइबर ठगी से हासिल किए गए हैं। विजय ने पुलिस के समक्ष पूछताछ में अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। उसके पास से कई बैंक खातों की चेक बुक, कागजात और एटीएम आदि बरामद हुए हैं।

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