अफसरशाही के मुद्दे पर पिता मांझी और बेटे संतोष सुमन ने अलग-अलग राग अलापा, जानें पूरा मामला

नीतीश कैबिनेट के मंत्री मदन सहनी के इस्तीफे के साथ ही बिहार में सियासत शुरू हो चुकी है। जहां सहनी ने बिहार में अफसरशाही से परेशान इस्तीफा देने का आरोप लगया है। वहीं मामले पर जीतन राम मांझी और उनके मंत्री बेटे संतोष मांझी अलग-अगल राग अलाप रहे हैं।;

Update: 2021-07-02 10:27 GMT

बिहार में अफसरशाही (Bureaucracy in Bihar) से परेशान होकर नीतीश कुमार कैबिनेट (nitish kumar cabinet) के मंत्री मदन सहनी (madan sahni) ने इस्तीफा दे दिया। सरकार के मंत्री के द्वारा ही सुशासन का पर्दाफाश कर देने के बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) सवालों के घेरे में आ गए हैं। वहीं बिहार सरकार (Bihar government) में शामिल 'हम' पार्टी प्रमुख एवं पूर्व सीएम जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने भी मदन सहनी के आरोपों की पुष्टि कर दी। जीतन राम मांझी ने कहा कि हां अफसरशाही है। उन्होंने कहा कि मंत्रियों की बात को अधिकारी तवज्जो नहीं देते हैं। साथ ही कहा कि अंदर ही अंदर कैबिनेट के कई मंत्री अफसरशाही से परेशान हैं व मुंह खोलना नहीं चाह रहे। दूसरी ओर बिहार में व्याप्त अफसरशाही के आरोपों को लेकर पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बेटे मंत्री संतोष मांझी (Santosh Manjhi) अलग ही राग अलाप रहे हैं। वह पिता जीतन राम मांझी की बातों से सहमत नहीं दिखाई दे रहे हैं।

बिहार के समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी के इस्तीफे के बाद पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने गुरुवार शाम को कहा था कि हां यह सही है कि मंत्री की बात को अधिकारी तरजीह नहीं देते हैं। उन्होंने बताया कि वे तो एनडीए की बैठक में सीएम नीतीश कुमार से कह चुके हैं कि मंत्रियों- विधायकों की इज्जत तब बढ़ेगी जब अधिकारी इनकी बात सुनेंगे। उन्होंने कहा कि हां यह बात बिल्कुल सही है कि बिहार में अफसरशाही व्याप्त है। उन्होंने कहा कि बिहार में 20-30 प्रतिशत अधिकारी तो ऐसे हैं कि वो किसी की बात ही नहीं सुनते हैं।

संतोष ने सुशासन का राग अलापा

वहीं छोटे मांझी यानी कि जीतनराम मांझी के पुत्र एवं नीतीश कैबिनेट में मंत्री संतोष मांझी ने अफसरशाही के मामले पर अलग राग अलापा है। संतोष ने कहा कि कहीं कोई अफसरशाही नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके विभाग में तो सभी कार्य हो रहा है। कहीं कोई दिक्कत नहीं है। पत्रकारों से बातचीत करते हुए संतोष मांझी ने कहा कि यदि मदन सहनी को किसी तरह की दिक्कत थी तो उसको सामने रखकर हल करवाना चाहिए था। मसले पर बात करनी चाहिए थी। साथ ही संतोष ने कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि इस तरह की कोई बात है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की अगुवाई में बिहार में सुशासन की सरकार चल रही है। उन्होंने कहा कि मदन सहनी का क्या मुद्दा है वो अपना मसला सीएम नीतीश कुमार के सामने रखेंगे। 

Tags:    

Similar News