तेजस्वी, मीसा और मदन मोहन झा समेत छह पर 5 करोड़ लेकर टिकट नहीं देने का आरोप, मामले में जांच शुरू

बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, उनकी बहन मीसा भारती और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा पर आरोप है कि इन नेताओं ने पांच करोड़ रुपये लेकर चुनाव के दौरान टिकट नहीं दिया। शिकायतकर्ता वकील संजीव सिंह का आरोप है कि चुनाव के लिए टिकट देने के नाम पर पांच करोड़ रुपये की ठगी की गई।;

Update: 2021-10-07 14:05 GMT

बिहार (Bihar) के हाई प्रोफाइल नेताओं पर पटना (Patna) सदर थाने में दर्ज मामले पर पटना पुलिस (Police) ने जांच-पड़ताल शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार राजद (RJD) नेता तेजस्वी यादव, राजद से राज्यसभा सांसद नेत्री मीसा भारती, दिवंगत कांग्रेस नेता सदानंद सिंह, बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, शुभानंद मुकेश और राजेश राठौर पर शिकायतकर्ता ने गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोपों के अनुसार इन सभी नेताओं पर पांच करोड़ रुपये लेकर चुनाव टिकट नहीं देने का आरोप है। शिकायतकर्ता पक्ष के वकील संजीव सिंह ने आरोप जड़ा है कि चुनाव टिकट देने के एवज में पांच करोड़ रुपये ठगी की गई।

शिकायत में संजीव सिंह ने पुलिस से कहा कि जिस समय 5 करोड़ रुपये मैंने दिए थे। उस समय बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा भी मौजूद थे। मेरे द्वारा राजद नेता तेजस्वी यादव व मदन मोहन झा को पूरे रुपये दिए गए थे। मैं वहां चार भिन्न-भिन्न बैग में पांच करोड़ रुपये पहुंचा था। साथ ही ये सभी रुपये हमारे द्वारा इन लोगों को सौंप दिए गए।

उस वक्त ऑफिस में तेजस्वी यादव व मदन मोहन झा के अतिरिक्त कांग्रेस के दिवंगत नेता सदानंद सिंह, शुभानंद मुकेश, मीसा भारती व राजेश राठौड़ भी मौजूद थे। संजीव झा ने कहा कि चुनाव लड़ने की उनकी इच्छा थी। इस वजह से टिकट लेने के लिए 2018 से ही पांच करोड़ रुपये जुटा रहा था। इसलिए 105 दोस्तों व रिश्तेदारों ने उपहार में रुपये दिए। इसके अतिरिक्त सोने की बनी पुश्तैनी ज्वेलरी को बेचा गया। ऐसे मैंने चुनाव लड़ने के लिए रुपये का इंतजाम किया। इन लोगों ने पैसे लेने के बाद भी टिकट नहीं दिया और बेइमानी कर ली।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार संजीव सिंह के बयानों के बाद पटना कोतवाली पुलिस संजीत सिंह को थाने बुलाकर मामले के संबंध पूछताछ कर सकती है। पता चला है कि पटना पुलिस संजीव सिंह के बयान से संतुष्ट दिख रही है। आपको बता दें संजीव सिंह द्वारा 18 अगस्त 2021 को कोर्ट में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई गई थी। जिसमें संजीव ने बताया कि भागलपुर संसदीय सीट से टिकट देने के लिए 15 जनवरी 2019 को उन्होंने उन लोगों को पांच करोड रुपये दिए थे। पर इसके बाद भी संजीव को टिकट नहीं दिया गया। इसके बाद अदालत ने 16 सितंबर को मामला दर्ज करने का आदेश दिया।

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