JDU प्रदेश महासचिव रामबालक सिंह आर्म्स एक्ट में दोषी करार, CPM नेता पर चलाई थी गोली, इस दिन होगा सजा का ऐलान

समस्तीपुर के कोर्ट ने बिहार जदयू के महासचिव रामबालक सिंह और उनके भाई लालबाबू सिंह को आर्म्स एक्ट में दोषी ठहराया है। साथ ही दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। सोमवार को सजा का ऐलान होगा।;

Update: 2021-09-10 13:11 GMT

बिहार (Bihar) में समस्तीपुर की कोर्ट (court of samastipur) ने आर्म्स एक्ट मामले में जदयू के प्रदेश महासचिव एवं विभूतिपुर के पूर्व विधायक रामबालक सिंह (Former MLA Rambalak Singh) और उनके भाई लालबाबू सिंह को दोषी करार दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। मामले को लेकर सोमवार को फिर सुनवाई होगी। यह मामला साल 2000 का है। आरोप था कि रामबालक सिंह के कहने पर ही ललन सिंह पर गोली चलाई गई थी।

बचाव पक्ष के वकील कर्मवीर कुमार का कहना है कि अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय सह एमपी एमएलए विशेष कोर्ट ने रामबालक सिंह और उनके भाई को 354 और 27 आर्म्स एक्ट में दोषी करार दिया है। कोर्ट न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हैं। इसके निर्णय के खिलाफ में हाईकोर्ट में अपील दायर की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर ज्यादा से ज्यादा 7 वर्ष और कम से कम 3 वर्ष की सजा हो सकती है।

वहीं पीड़ित पक्ष के वकील का कहना है कि उनके वादी ललन सिंह साल 2000 में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ता थे। उनपर जानलेवा हमला किया गया था। जिसमें ललन सिंह घायल हुए थे। हमले में उनकी सीधे हाथ की चार उंगलियां उड़ गई थीं। बाद में उन्होंने मामला दर्ज करया। वकील का कहना है कि आरोपियों की पकड़ ऊपर तक है। साथ ही ये लोग दबंग हैं। इसी के चलते आरोपियों ने खुद को पुलिस (Police) से बरी करा लिया था। वहीं अब कोर्ट मामले में 21 साल के बाद न्याय किया है। वहीं वकील ने कहा कि फैसला पढ़ने के बाद आगामी कदम के बारे में सोचा जाएगा। वहीं कोर्ट परिसर में उपस्थित जदयू महासचिव रामबालक सिंह ने कहा कि अभी कुछ कहेंगे तो जल्दबाजी होगी। हम कोर्ट के निर्णय का सम्मान करते हैं।

विभूतिपुर थाना इलाके में हुई थी वारदात

विभूतिपुर थाना इलाके स्थित शिवनाथपुर में 4 जून 2000 की रात गंगा सिंह की बेटी की शादी थी। इसी शादी समारोह में शामिल होने के लिए सीपीएम कार्यकर्ता ललन सिंह गए थे। इस शादी समारोह में जदयू पूर्व विधायक रामबालक सिंह व उनके भाई लालबाबू सिंह भी उपस्थित थे। दोनों पक्षों के बीच पहले से तकरार थी। इस दौरान रामबालक सिंह और और उनके भाई की नजर ललन सिंह पर पड़ गई। ये दोनों तुरंत ही ललन सिंह को पकड़ने के लिए भागे। पर वह किसी प्रकार वहा से बाहर निकल पड़े। यहीं जदयू नेता के भाई ने उनके कहने पर गोली चला दी। जो सीधी ललन सिंह के दाहिने हाथ में लगी और इसकी वजह से उनके हाथ की चार उंगलियां उड़ गईं। उस वक्त ललन सिंह किसी तरह भाग कर अपनी जान बचाने में सफल हुए। बाद में ललन सिंह ने मामले की जानकारी पुलिस को दी। फिर पुलिस ने जदयू पूर्व विधायक रामबालक सिंह और उनके भाई समेत अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया।

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