खून बेचकर ड्रग्स लेने लगे चार दोस्त, एक साथी की हुई मौत तो चौंका देने वाली बातें आई सामने
बिहार की राजधानी पटना से एक ऐसा मामला सामने आया है। जो भी इसे सुन रहा है, वही हैरान हो रहा है। क्योंकि यहां चार दोस्त नशे के इतने आदी हो गए कि वो अपना खून बेचकर ही ड्रग्स लेने लगे। इसी लत के चक्कर में जब इनके एक साथी की मौत हो गई तो इस मामले का खुलासा हुआ।;
बिहार (Bihar) की राजधानी पटना (Patna) से एक हैरान करने वाली न्यूज सामने आई है। मामले को सुनने के बाद हर कोई चौंक रहा है। जी हां यहां कई युवा ड्रग्स (Drugs) के इतने आदी हुए कि वो अपना खून तक बेचकर ड्रग्स खरीद कर लेने लगे (Started buying drugs by selling blood)। ये चारों युवा मित्र दिन-रात नशे में चूर रहते थे। इसी लत के चलते जब इन्होंने अपने एक साथी को खो दिया तो सभी की आंखें खुल गई। फिर बाकी मित्रों ने सभी हैरान करने वाली बातें पुलिस (Police) को बता दीं। साथ ही इन लोगों ने पटना के पत्रकार नगर थाना में पहुंचकर ड्रग्स के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश कर दिया।
शुरू में ड्रग्स के लिए की थी मोबाइल झपटमारी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले इन चार मित्रों को 2 वर्ष पहले नशे की लत लगी थी। जिससे इनके परिजन भी पूरी तरह से दुखी थे। इन युवाओं का मध्यम वर्ग से ताल्लुक है। जब ड्रग्स खरीदने के लिए इनके पास रुपये की कमी पड़ने लगी तो इन लोगों ने मोबाइल झपटमारी भी शुरू कर दी। वैसे उन दिनों छह माह तक इस झपटमारी को करने के दौरान इनका एक साथी इस मामले में पकड़ लिया गया। साथी जेल से छूटा तो फिर इन चारों साथियों ने मोबाइल झपटमारी के कार्य से तोबा कर ली।
यहां से ड्रग्स खरीदने के लिए शुरू हुई डरावनी कहानी
कहा गया है कि इन चारों मित्रों को कंकड़बाग स्थित एक बड़े अस्पताल के एक कर्मी के माध्यम से खून बेचकर रुपये कमाने के बारे में जानकारी मिली। फिर क्या था, चारों मित्रों ने उसी अस्पताल में खून बेचकर रुपये कमाने शुरू कर दिए। ये चारों मित्र अकेले-अकेले अस्पताल पहुंचते व 1000 रुपये में खून बेचकर लौटकर आ जाते थे। जहां वो कहते थे कि 1000 दो, बदले में जितना चाहो खून ले लो।
पत्रकार नगर थाना अध्यक्ष मनोरंजन भारती ने जानकारी दी कि इन चारों पक्के मित्रों में से जब ड्रग्स की लत के चक्कर में एक की मौत हो गई तो बाकी के तीनों मित्र बुरी तरह से भयभीत हो गए। इस दुर्घटना के बाद तीन मित्रों के परिजन भी बुरी तरह से भयभीत हो गए। कई दिनों तक उनके परिवार वालों ने इन तीनों मित्रों को घर में ही बंद कर दिया गया था। फिर ये तीनों थाने पहुंचे और पूरी घटना के बारे में पुलिस को जानकारी दी।