बिहार में अब सड़क दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत होने पर भी मिलेगा मुआवजा, बन रही ये नई नीति
बिहार में अब सड़क दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत होने पर भी सरकार की ओर से मुआवजा मिलने लगेगा। राज्य परिवहन विभाग इसको लेकर नई नीति बनाने जा रहा है।;
बिहार में जल्द ही सड़क दुर्घटना में सरकारी मुआवजा राशि का मानदंड बदलने जा रहा है। सूबे सड़क दुर्घटना में वर्तमान में एक व्यक्ति की जान जाने पर अनुग्रह अनुदान नहीं मिलता है। बिहार में भविष्य में एक व्यक्ति की मौत होने पर सरकार द्वारा चार लाख रुपये मुआवजा राशि मिलने लगेगी। वहीं राज्य परिवहन विभाग पीड़ितों को मुआवजा राशि देने के लिये नई नीति बनाने जा रहा है।
सड़क दुर्घटना में सूबे में अभी आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से स्थानीय प्राकृतिक आपदा के तहत मृतक के करीबी आश्रितों को 4 लाख रुपये का अनुग्रह अनुदान दिया जाता है। इसके लिए प्रत्येक जिले में 40-40 लाख का रिवॉल्विंग फंड (चक्रीय निधि) बना है। इस रिवॉल्विंग फंड में से दुर्घटना के अलावा बाढ़, डूबने आदि चिह्नित आपदा में भी पीड़ितों को मदद दी जाती है। वहीं बिहार में अब तक आपदा के नियमानुसार सड़क दुर्घटना में एक से अधिक का हताहत होना जरूरी है। यानी कि सड़क दुर्घटना एक व्यक्ति की मौत होती है और उसके साथ वाला कम-कम 7 दिनों तक अस्पताल में रहना आवश्यक है। इस मानक पर बिहार में विभिन्न लोगों को सरकारी अनुग्रह अनुदान नहीं मिल पाता है। विशेष तौर पर सड़क पार करने के क्रम और मोटरसाइकिल पर अकेले सवारी करने के वक्त दुर्घटना होने पर एक शख्स की मौत हो जाए तो उस व्यक्ति के परिजनों को सरकारी मदद राशि नहीं मिल पाती है।
बिहार विधानमंडल में भी पक्ष-विपक्ष के सदस्यों की तरफ से इस मूद्दे पर कई मौकों पर प्रश्न उठाए गए हैं। वहीं उत्तर में अभी तक इस मसले को लेकर सरकार द्वारा विवशता ही जाहिर करती रही है। बीते दिनों सीएम नीतीश कुमार द्वारा परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक की गई थी। जहां नीतीश कुमार ने सड़क दुर्घटना में मौत होने पर अनुग्रह राशि देने के लिए परिवहन विभाग को चक्रीय निधि बनाने का टास्क सौंपा था व विभाग को इस पर नई नीति बनाने के निर्देश दिये थे। परिवहन विभाग सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि इसको लेकर परिवहन विभाग द्वारा सड़क दुर्घटना के पीड़ितों के लिये राहत राशि दिये जाने के लिए नीतिगत बदलाव किये जा रहा हैं। नीति बनाई जा रही है। संजय कुमार अग्रवाल के अनुसार बनाई जा रही इस नई नीति में सभी पहलुओं का ख्याल रखा जाएगा जिससे राज्य में ज्यादा से ज्यादा पीड़ितों को अनुग्रह अनुदार मिल पाये।