पंचायत चुनाव की वजह से प्रभावित हुई सृजन घोटाले की जांच, सीबीआई को अधिकारी नहीं मुहैया करा पा रहे पेपर्स

बिहार पंचायत चुनाव का प्रभाव सृजन घोटाला की जांच पर भी दिखने लगा है। अधिकारियों व कर्मचारियों की चुनाव ड्यूटी लगने के चलते सीबीआई को कागजात मुहैया नहीं करा पा रहे हैं।;

Update: 2021-10-11 15:26 GMT

बिहार (Bihar) में जारी पंचायत चुनाव का असर सृजन घोटाला की जांच पर भी नजर आने लगा है। अधिकारी व कर्मचारियों की चुनाव में ड्यूटी लगी हुई है। इस कारण ये सीबीआई को पेपर्स मुहैया नहीं करा पा रहे हैं। कल्याण कार्यालय की ओर प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से पेपर्स मुहैया नहीं कराए गए हैं। इस वजह से सृजन घोटाला की जांच का कार्य प्रभावित हो सकता है।

जानकारी के अनुसार जिला कल्याण कार्यालय की 221 करोड़ 60 लाख राशि की अवैध निकासी हुई थी। तमाम राशि अवैध ढ़ंग से सृजन महिला विकास सहयोग समिति में भेज दी गई थी। कल्याण ऑफिस की 6 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का पहला मामला तत्कालीन कल्याण पदाधिकारी अरुण कुमार की ओर से दर्ज कराया गया था। जांच में संलिप्तता पाए जाने के बाद अगस्त 2017 में ही अरुण कुमार को अरेस्ट कर लिया गया था। अरुण कुमार के अलावा उनकी पत्नी भी सलाखों के पीछे हैं। प्रभारी जिला कल्याण पदाधिकारी सह तत्कालीन जिला पंचायत राज पदाधिकारी अपूर्व कुमार मधुकर की ओर से 115 करोड़ रुपये की दूसरा मामला दर्ज कराया गया था। इन दोनों मामलों में जांच सीबीआई कर रही है। बाद में एजी की ऑडिट रिपोर्ट में अवैध निकासी की रकम बढ़कर 221 करोड़ 61 लाख रुपये पर जा पहुंची।

जिला कल्याण पदाधिकारी श्याम प्रसाद यादव द्वारा 23 दिसंबर 2020 को कोतवाली थाना में तीसरा मामला दर्ज कराया गया। इन मामलों में सीबीआई ने 24 अगस्त 2021 को केस दर्ज कर जांच शुरू की। जांच को लेकर सीबीआई द्वारा जिला कल्याण कार्यालय से अवैध निकासी से जुड़े पेपर्स मांगे हैं। करीब एक माह हो गया है, पर पेपर्स मुहैया नहीं कराए जा सके हैं। जिला कल्याण पदाधिकारी मतपत्र की छपाई के लिए लगभग 12 दिनों तक कोलकाता में रहे। अन्य कर्मचारियों की भी ड्यूटी पंचायत चुनाव में लगाई गई है। जिला कल्याण पदाधिकारी द्वारा जानकारी दी गई कि पंचायत चुनाव की वजह से पेपर्स भेजने में देरी हुई है।

इन 4 अधिकारियों के कार्यकाल में हुआ घोटाला

4 जिला कल्याण अधिकारियों के कार्यकाल में सरकारी राशि की अवैध निकासी हुई है। तत्कालीन जिला कल्याण अधिकारी रामलला सिंह के कार्यकाल में 20 करोड़ 3 लाख रुपये, ईश्वर चन्द्र शर्मा के कार्यकाल में 5 करोड़ 38 लाख रुपये, ललन कुमार सिंह के समय 23 करोड़ 92 लाख व सबसे ज्यादा अरुण कुमार के कार्यकाल में 172 करोड़ 28 लाख रुपये की राशि की अवैध निकासी हुई। तीसरी केस की जांच के बाद कई कल्याण अधिकारियों व कर्मियों पर गाज गिर सकती है। सीबीआई मामले से जुड़े कल्याण अधिकारियों से पूछताछ कर सकती है।

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