जो सीएम जनादेश को गिरवी रख देता हो उससे जन कल्याण की अपेक्षा करना बेमानी : तेजस्वी यादव

बिहार के छपरा में राजद नेता तेजस्वी यादव ने बाढ़ पीड़ितों का दुखड़ा सुना। इस दौरान राजद नेता ने सीएम नतीश कुमार पर हमला बोलते हुये कहा कि कई जगहों पर प्रशासन ने बाढ़ राहत शिविर बंद कर दिये हैं। साथ ही तेजस्वी यादव ने कहा कि जिस प्रदेश का सीएम जनादेश को गिरवी रख देता हो उससे जनकल्याणकारी कार्य की अपेक्षा करना बेमानी है।;

Update: 2020-08-16 13:17 GMT

बिहार के छपरा और गोपालगंज में जिलों में राजद नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया। राजद नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है। छपरा जिले के मढ़ौरा में उन्होंने बाढ़ पीड़ितों का हालचाल भी पूछा। वहीं तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने कई जगहों पर बाढ़ राहत शिविर बंद कर दिए गये हैं। मढ़ौरा में हमारे पार्टी कार्यकर्ता निजी खर्चे से लालू रसोई का संचालन कर प्रवासी मजदूरों से लेकर सभी बाढ़ पीड़ितों को इस समय भोजन करा रहे हैं। वहीं उन्होंने सीएम नीतीश कुमार पर हमला बालते हुये कहा कि जिस प्रदेश का सीएम जनादेश को गिरवी रख देता हो उससे किसी भी जन कल्याण कारी कार्य की अपेक्षा करना बेमानी होगी।



राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि अन्य ट्वीट के माध्यम से बताया कि बिहार में वर्तमान में 16 जिले, 130 प्रखंड व 81 लाख लोग बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं। इस सब के बीच बिहार की 15 वर्षीय नीतीश सरकार कुंभकर्णी निद्रा में है। वहीं उन्होंने कहा कि मुलाकात के दौरान बाढ़ प्रभावित लोगों ने जानकारी दी है कि बाढ़ राहत व मदद के नाम पर खुला लूट हो रही है। इसके बाद तेजस्वी ने सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुये कहा कि सूबे में 40 लाख प्रवासी श्रमिक व 81 लाख बाढ़ प्रभावित त्राहिमाम कर रहे हैं। लेकिन मजाल है सीएम नीतीश कुमार की नींद टूटे।



जिसके पास दिल है वो जनता के साथ खड़ा है: राजद

वहीं राजद के आधिकारिक ट्विटर अकांउट से भी ट्वीट कर बिहार सरकार पर हमला बोला गया है। राजद की ओरा से कहा गया कि जिसके पास लोगों की पीड़ा बांटने का दिल है। वह लोगों की पीड़ा में उनके बीच है। उनके साथ खड़ा है। वहीं राजद ने सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुये कहा कि जिसके पास सत्ता है। संसाधन है, सरकारी महकमा है। प्रशासनिक मशीनरी है, उसके पास दिल नहीं है। स्थायी हल तलाशने की काबिलियत नहीं है और जनता की तकलीफों के बारे में सोचने का समय नहीं है।




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