पप्पू यादव को कोर्ट ने दिया झटका, 32 वर्ष पुराने मामले में किए गए थे गिरफ्तार
पुराने अपहरण मामले में गिरफ्तार पूर्व सांसद पप्पू यादव के समर्थकों को कोर्ट से झटका लगा है। समर्थकों को पूरी उम्मीद थी कि पप्पू यादव को जमानत मिल जाएगी। लेकिन पप्पू यादव को बड़ा झटका लगा है।;
बिहार (Bihar) के मधेपुरा (madhepura) से बड़ी खबर सामने आई है। 32 साल पुराने अपहरण मामले में जेल में बंद जन अधिकार पार्टी (Jan Adhikar Party) प्रमुख एवं पूर्व सांसद पप्पू यादव (former MP Pappu Yadav) को अदालत से बड़ा झटका लगा है। पप्पू यादव को अपहरण मामले में मधेपुरा कोर्ट ने बेल नहीं दी। जानकारी के अनुसार मंगलवार को डीजे रमेश चन्द्र मालवीय ने बेल याचिका पर सुनवाई की व उनकी बेल की याचिका को खारिज कर दिया।
पटना (Patna) से अरेस्ट किए गए पूर्व सांसद पप्पू यादव 20 दिनों से जेल में बंद हैं। पप्पू यादव की रिहाई (Pappu Yadav release) के लिए उनके समर्थक सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक में मुहिम चला रहे हैं। जिस मामले में पूर्व सांसद पप्पू यादव की गिरफ्तारी हुई है, वह 32 वर्ष पुराना केस है। यह कथित घटना 29 जनवरी 1989 की है। शिकायत के अनुसार पप्पू यादव ने अपने 3 से 4 साथियों के साथ मिलकर मधेपुरा जिला के मुरलीगंज थाना अंतर्गत मिडिल चौक से रामकुमार यादव व उमा यादव का अपहरण किया। मामले की शिकायत शैलेन्द्र यादव ने की ओर की गई थी। कुछ दिनों के बाद वे दोनों अपहृत सकुशल वापस लौट गए थे। इस मामले में 3 महीनों बाद पप्पू यादव अरेस्ट हुए थे। कुछ महीनों जेल में रहने के बाद जमानत पर बाहर आए और इसके बाद वो विधायक और एमपी (MP) चुने गए।
22 मार्च को अदालत ने पप्पू यादव के घर की कुर्की जब्ती का वारंट जारी कर दिया। इसके बाद भी पुलिस ने पप्पू यादव के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। अब पुलिस ने इस वारंट को लेकर कार्रवाई शुरू की है। इसके मद्देनजर पप्पू यादव को राजधानी पटना से अरेस्ट किया गया था। पप्पू यादव की गिरफ्तारी पर बिहार में सियासत जारी है। कोरोना संकट काल में लोगों की सेवा करने के क्रम में 32 वर्ष पुराने अपहरण के एक मामले में पप्पू यादव की गिरफ्तारी के बाद अब उनकी पत्नी रंजीत रंजन सरकार को चुनौती दे रही हैं।