कोर्ट में शराब तस्कर की जमानत के लिए रखी ऐसी शर्त, हर काेई कर रहा जज की तारीफ
बिहार के मधुबनी जिले में झंझारपुर कोर्ट ने परंपरा से हटकर फैसला सुनाया। कोर्ट ने शराब तस्करी के मामले में जेल में बंद आरोपी को बेल देने से पहले ये खास शर्त लगाई। एक शर्त- आरोपी को 5 गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा दिलानी होगी।;
बिहार (Bihar) के मधुबनी (Madhubani) जिले में झंझारपुर अदालत (Jhanjharpur Court) ने सोमवार को एक अनोखा निर्णय (court unique decision) सुनाया। यहां एडीजे अविनाश कुमार (प्रथम) की अदालत ने 5 गरीब बच्चों को फ्री शिक्षा दिलाने की शर्त (condition of free education) पर एक तस्कर को जमानत दे दी। शराब से संबंधित मामले (case of alcohol) में आरोपी उपकारा में बंद है। अदालत ने आरोपी के समक्ष पहली शर्त रखी कि वह अब से शराब बंदी कानून (liquor prohibition law) का पूर्ण रूप से पालन करेगा। कोर्ट ने दूसरी शर्त ये रखी कि बंदी गरीब परिवारों के 5 बच्चों को तीन महीनों तक नि:शुल्क शिक्षा ग्रहण कराएगा। तीन महीने पूर्ण होने के बाद बंदी को बच्चों के परिवारों से लिखित प्रमाण-पत्र लेकर अदालत में जमा करना होगा। इस प्रमाणपत्र में लिखा होगा कि आरोपी ने इन परिवारों के बच्चों को तीन महीनों तक फ्री शिक्षा ग्रहण करवाई है। जज के इस निर्णय की हर कोई सराहना कर रहा है।
एक नजर में जानें पूरा केस
जानकारी के अनुसार, साल 2020 में 16 नवंबर को मधेपुर थाना में 164/2020 के तहत एक केस दर्ज हुआ। जिसमें थाने के चौकीदार जलधारी पासवान की शिकायत पर पचही, मधेपुर गांव निवासी रौशन मुखिया, भरगामा, भेजा गांव निवासी नीतीश कुमार यादव और अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया था। दर्ज मामले में आरोप लगा था कि ये सभी लोग अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर शराब की तस्करी कर रहे हैं। स्थानीय लोगों की जानकारी पर सभी आरोपियों को पचही काली मंदिर के निकट चौकीदार ने रोका। लेकिन शराब तस्कार हवाई फायरिंग करते हुए मौके से फरार होने में सफल हो गए और जाते-जाते जान से मारने की धमकी भी दी गई। शिकायत में आरोप लगा कि शराब से लदी बाइक को आरोपी नीतीश कुमार यादव चला रहा था।
साल 2020 नवंबर से जेल में बंद है नीतीश कुमार
इस केस को लेकर आरोपी नीतीश कुमार यादव साल 2020 के 16 नवंबर से जेल में बंद है। बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने एडीजे कोर्ट में नीतीश की बेल के लिए अर्जी दी थी। इस बेल अर्जी पर एडीजे अविनाश कुमार प्रथम ने आरोपी के समक्ष शर्त रखी कि उसको भविष्य में शराब बंदी कानून का पालन करना होगा और तीन महीनों तक गरीब परिवारों के पांच बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा दिलानी होगी। इसी शर्त पर एडीजे अविनाश कुमार प्रथम ने आरोपी की बेल अर्जी स्वीकार की।