लालू यादव के साले व पूर्व सांसद साधु यादव को MPMLA कोर्ट ने सुनाई तीन साल की सजा, जानिये पूरा मामला

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके करीबियों पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है। हालही में लालू यादव और उनके रिश्तेदारों पर ईडी ने छापेमारी की थी। अब उनके साले और पूर्व विधायक साधु यादव को MPMLA कोर्ट ने तीन साल की कैद की सजा सुनाई है।;

Update: 2022-05-30 13:24 GMT

राजद (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके करीबियों पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है। हालही में लालू यादव और उनके रिश्तेदारों पर ईडी ने छापेमारी की थी। अब उनके साले और पूर्व विधायक साधु यादव को MPMLA कोर्ट ने तीन साल की कैद की सजा सुनाई है। 2001 के एक मामले में साधु यादव (Sadhu Yadav) को कोर्ट ने सजा सुनाई है।

लालू-राबड़ी (Lalu Yadav-Rabri Devi) की सरकार में साधु यादव की बिहार (Bihar) में खूक तूती बोलती थी। उस दौरान साधु यादव 15 सालों में विधायक से लेकर संसद के गलियारें में भी पहुंचे। इन्होंने जनवरी 2001 में संयुक्त परिवहन दफ्तर (Transport Office) के अ​धिकरियों के साथ मारपीट की थी। साधु पर रंगदारी मांगने, गोली चलाने और सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाने समेत अन्य धाराओं में एफआईआर (Fir) दर्ज हुई थी। इसी मामले की सुनवाई पटना की एमपीएमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने दोषी मानते हुए साधु यादव को तीन साल की सजा सुनाई है। उधर, साधु यादव के वकील ने फैसला आने के बाद कहा है कि प्रोविजनल बेल (provisional bail) के लिए ऊपरी अदालत में जाएंगे।

लालू—राबड़ी सरकार में रही थी धाक

बिहार में लालू और राबड़ी की सरकार 1990 से 2005 तक रही थी। विधायक और सांसद रहने वाले साधु यादव ने जीजा और बहन की वजह से राजनीति में खुद जोर अजमाइश की। राजनीति में भी इस तरह धमक थी कि कहीं भी जाते थे वहीं उन्हें सिक्कों से तौला जाता था। उस दौरान साधु बिहार में एक बड़ा चेहरा बनकर सामने आए। हालांकि, जीजा लालू यादव की बदौलत ही साधु को सबकुछ मिला था। सच्चाई यह भी थी कि लालू ने अपने साले साध्रु और सुभाष के जरिये राजनीति चलाई थी। दोनों को लालू अपने हिसाब से यूज करते थे। लाल—राबडी की सरकार जाने के बाद साधु और लालू के बीच दरार भी आई। 2004 के साधु यादव गोपालगंज सीट से आरजेडी से सांसद भी बने।

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