बिहार के स्वास्थ्यकर्मियों के लिए बीमा को लेकर आया खास निर्देश, खबर पढ़कर जाने पूरी योजना

बिहार में कोरोना वायरस बीते कई हफ्तों से तेजी से फैल रहा है। कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए प्रदेश में अपनी जान पर खेल कर स्वास्थ्य कर्मी भी जुटे हुए हैं। सरकार की ओर से भी बिहार के स्वास्थ्य कर्मी स्वास्थ्यकर्मियों के लिए खास ऐलान किया गया है।;

Update: 2021-05-11 15:12 GMT

बिहार (Bihar) में कोरोना (Corona) पर नियंत्रण करने के लिए तमाम इंतजाम नीतीश कुमार सरकार (Nitish Kumar Government) की ओर से किए जा रहे हैं। बिहार में अपनी जान पर खेलकर स्वास्थ्य कर्मी (Health worker) भी कोरोना से लड़ रहे हैं और कोरोना मरीजों (Corona patients) की जान बचा रहे हैं। इस बीच बिहार एवं केंद्र सरकार (central government) भी स्वास्थ्य कर्मियों (Health workers) को लेकर चिंतित है। इसलिए केंद्र सरकारों के निर्देशों के बाद स्वास्थ्य विभाग (health Department) की ओर से बिहार में कार्यरत स्वास्थ्यकर्मियों (Health workers working in Bihar) को लेकर खास निर्देश दिए गए हैं।

निर्देशों के मुताबिक बिहार में कोरोना संक्रमण काल में स्वास्थ्यकर्मियों के 50 लाख रुपये बीमा की अवधि (Term of insurance of Rs. 50 lakhs for health workers) 180 दिन यानि 6 महीनों के लिए बढ़ा दी गई है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी जिलों और सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों और अन्य स्वास्थ्य संस्थानों के प्राचार्य और अधीक्षकों को इस संबंध में जानकारी दी गई है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी स्वास्थ्यकर्मियों से इसको लेकर जरूरी कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया गया है।

जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज योजना 'इन्श्योरेंस फॉर द हेल्थ वर्कर फाइटिंग विथ कोविड-19' के तहत स्वास्थ्यकर्मियों को 50 लाख रुपये के बीमा का ऐलान किया गया है। इस बीमा की पॉलिसी 30 मार्च 2020 से 24 मार्च 2021 तक के लिए थी। अब इसको बढ़ाकर 24 मार्च 21 से 24 अप्रैल 21 तक किया गया था। केंद्र सरकार के निर्देश के अनुसार इस पॉलिसी को 180 दिनों के लिए बढ़ा दिया गया है। इस बीच जो भी स्वास्थ्यकर्मी मृतक हैं। उनके परिजनों को 50 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी।

अब तक मिला 6 परिजनों को मिला मुआवजा

आपको बता दें 29 क्लेम केंद्र सरकार, द न्यू इंडिया इंश्योरेंस कामोनी लिमिटेड को भेजा गया था। इसमें 6 क्लेम के नोमनी को क्लेम का पेमेंट कर दिया गया। जबकि 5 क्लेम को अस्वीकृत कर दिए गए। जबकि 18 क्लेम को जरूरी कागजातों की कमी की वजह से वापस भेज दिया गया है। राज्य स्वास्थ्य समिति के माध्यम से ये क्लेम भारत सरकार को भेजे जाते हैं।

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