कोरोना से शिक्षकों को ऐसे बचाएगी नीतीश सरकार, खबर पढ़कर जानें पूरा फैसला
बिहार में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इसी को लेकर पूरे बिहार में 18 अप्रैल तक के लिए शैक्षणिक संस्थान बंद हैं। वहीं अब शिक्षा विभाग की ओर शिक्षकों को लेकर भी एक बड़ा फैसला लिया गया है।;
बिहार (Bihar) में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरास (Corona virus) की वजह से खौफ का माहौल कायम है। कोरोना वायरस की वजह से पटना (Patna) समेत पूरे बिहार में 18 अप्रैल तक के लिए सभी शैक्षणिक संस्थान (Educational institute) बंद हैं। वहीं अब कोरोना वायरस से शिक्षकों (teachers) का बचाव करने के लिए शिक्षा विभाग (Education Department) ने भी बड़ा फैसला लिया है। शिक्षा विभाग के फैसले के अनुसार अब बिहार में सभी स्कूलों में 33 फीसदी यानि एक तिहाई शिक्षक ही एक दिन में स्कूल उपस्थित रहेंगे। बाकी बचे रह गए शिक्षक इसी तरह अन्य दिनों में स्कूल पहुंचेंगे।
प्रदेश के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने एक स्थानीय टीवी चैनल से बातचीत में करते हुए बताया कि कोरोना की वजह से राज्य में अभी स्थिति सामान्य नहीं हैं। इसलिए बिहार में 18 अप्रैल के बाद भी स्कूल खुलने पर संशय बरकरार है। इसलिए शिक्षकों के भविष्य को लेकर भी खास फैसला लिया गया है। इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया गया है। शिक्षा विभाग की ओर से यह आदेश भी जारी किया गया है कि इस समय का उपयोग स्कूल के पेंडिंग कार्यों का निपटारा करने में किया जाए। इसके अलावा जमीन से जुड़े कागजात का भी स्कूल एचएम और वरीय शिक्षक निपटारा कर लें।
याद रहे कोरोना वायरस की वजह से प्रबंधन की बैठक में लिए गए फैसले के बाद से राज्यभर के सभी शैक्षणिक संस्थानों को 18 अप्रैल तक के लिए बंद रखा गया है। इस निर्णय से सभी सरकारी और निजी शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों की मौजूदगी पर रोक लग गई है। दूसरी ओर शिक्षक संघ ने भी इस मामले को लेकर सरकार को पत्र लिखा था। इसके अलावा उन्होंने परिवहन की वजह से कोरोना वायरस हो जाने का खतरा जाहिर किया था। शिक्षकों का तर्क था कि जब बच्चे स्कूल नहीं आएंगे तो फिर शिक्षकों को स्कूल क्यों बुलाया जाता है। वहीं अबतक कोरोना की चपेट में आकर राज्यभर में 6 शिक्षकों की मौत भी हो चुकी है। जिसकी वजह से प्रदेशभर में शिक्षक दहशत में हैं।
जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग की ओर से जारी किया गया यह आदेश सभी सरकारी और निजी स्कूल, कॉलेजों और कोचिंग संस्थानों पर लागू होगा। बिहार में शिक्षा विभाग के इस निर्णय के बाद से शिक्षकों ने राहत की सांस ली है। क्योंकि एक दिन 33 प्रतिशत शिक्षक ही स्कूल में उपस्थित रहेंगे।
अब इस बात का इंतजार है कि 17 अप्रैल को राज्यपाल की अध्यक्षता में कोरोना को लेकर होने वाली अहम बैठक में सरकार की ओर से क्या निर्णय लिया जाता है। क्योंकि प्रदेश के शिक्षा मंत्री साफ तौर पर कह चुके हैं कि कोरोना से हालातों को देखकर मासूस होता है कि प्रदेश में अभी स्कूल नहीं खोले जा सकते हैं।