गरीब युवाओं को मिले सरकारी ठेके, पप्पू यादव ने निजी क्षेत्र में नई व्यवस्था लागू करने की मांग भी उठाई

जन अधिकार पार्टी 'जाप' प्रमुख पप्पू यादव निजी क्षेत्र में आरक्षण की मांग कर सुर्खियों में छा गए हैं। इस दौरान वो पटना स्थित पार्टी कार्यालय में प्रेस वार्ता कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने शराबबंदी के साथ-साथ बेरोजगारी का मुद्दा भी उठाया।;

Update: 2021-03-09 14:04 GMT

बिहार (Bihar) में जन अधिकार पार्टी 'जाप' प्रमुख पप्पू यादव (Jaap chief Pappu Yadav) अपने खुले बयानों को लेकर जाने जाते हैं। अब जाप प्रमुख पप्पू यादव ने निजी क्षेत्र में 60 फीसद आरक्षण (60 percent reservation in private sector) की मांग उठाकर नए मुद्दे को जन्म दे दिया है। साथ ही पप्पू यादव ने शराबबंदी (Prohibition) के बावजूद बिहार में नेताओं और पुलिस वालों पर शराब पीने का आरोप लगाया है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पटना में मंगलवार को प्रेस वार्ता करते हुए सांसद पप्पू यादव ने कहा कि निजी क्षेत्र में 60 प्रतिशत रिजर्वेशन का प्रावधान होना चाहिए। पप्पू यादव ने कहा कि वर्तमान में सरकारी नौकरियां लगभग समाप्त हो चुकी हैं। इन हालातों में युवा कब तक सरकारी नौकरी की खोज में घर में ही बेरोजगार बैठा रहेगा? पप्पू यादव ने कहा कि आरक्षण 50 फीसदी से बढ़ाकर हर गरीब को मिलना चाहिए। चाहे वो शख्स किसी भी जाति का क्यों ना हो। इस दौरान पप्पू यादव ने यह भी कहा कि बिहार राज्य के 85 प्रतिशत सरकारी ठेके प्रदेश के युवाओं को दिए जाएं। जिससे बिहार के कुछ युवाओं को रोजगार मिल सके।

पप्पू यादव ने मांग उठाई है कि जनसंख्या आधारित भागीदारी के हिसाब से आरक्षण व्यवस्था में सभी वर्गों को उनकी आबादी के अनुसार प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। इसमें महिलाओं की हिस्सेदारी भी सुनिश्चित होनी चाहिए। साथ ही पप्पू यादव ने कहा कि पूरे देश में आदिवासी, दलित व मुस्लिम समुदाय से एक भी सीएम नहीं है। इस मसले पर देश की सभी राजनीतिक पार्टियों को गहन विचार करना चाहिए।

वहीं पप्पू यादव शराबबंदी को लेकर एक बार फिर बिहार सरकार के खिलाफ निशाने साधते हुए नजर आए। उन्होंने कहा कि विधानसभा सदन में शराबबंदी पर चर्चा होने से पहले बिहार के सभी सत्ता पक्ष और विरोधी दलों के नेताओं को अपने-अपने खून की जांच करानी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में ज्दातार पुलिस वाले और नेता प्रतिदिन शराब का सेवन करते हैं। इसके अलावा बिहार के युवाओं को शराबबंदी अपराध की ओर धकेल रही है। बिहार में अन्य राज्यों से तस्करी करके शराब लाई जा रही है और यहां तीन से चार गुना कीमत में बेची जा रही है। इसकी वजह से प्रदेश के सरकारी कोष को भारी नुकसान हो रहा है।

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